आपका-अख्तर खान

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28 जून 2011

खुद से खुद माफ़ी मांग लो

कुटिल मुस्कान 
किसी को 
अपमानित 
किसी को पीड़ित करने के लियें 
चेहरे पर अगर 
आ भी जाए 
तो 
रोक लो उसे 
खुद से खुद माफ़ी मांग लो 
कल एक बाग़ में 
खुबसूरत फूलों को भी 
ऐसी ही कुटिल मुस्कान लियें 
मेने देखा था 
वोह गुल आज देख लो 
तुम्हारे कदमों में 
मसले से पड़े हैं ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

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