कुटिल मुस्कान
किसी को
अपमानित
किसी को पीड़ित करने के लियें
चेहरे पर अगर
आ भी जाए
तो
रोक लो उसे
खुद से खुद माफ़ी मांग लो
कल एक बाग़ में
खुबसूरत फूलों को भी
ऐसी ही कुटिल मुस्कान लियें
मेने देखा था
वोह गुल आज देख लो
तुम्हारे कदमों में
मसले से पड़े हैं ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
बहुत गहरा सोच |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत ही सुन्दर भावाभिव्यक्ति| धन्यवाद|
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