आपका-अख्तर खान

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23 जून 2011

हाँ यही तमन्ना ......

रिमझिम 
बरसात हो 
ऐसे खुशनुमा माहोल में 
त़ा उम्र 
तेरा मेरा 
साथ हो ..
हाँ यही तमन्ना 
रखा करते थे हम ..
अब तुमने 
तुम्हारे आचरण से 
मेरा ख्याल बस यूँ 
बदल दिया है 
जिंदगी की सांसे 
थम जाए 
हमारी 
मोंत आजाये हमे 
इसके पहले 
के तुझ से 
हमारी मुलाक़ात हो ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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