तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
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22 जून 2011
कुसूर माफ़ .....
में तो
कर भी दूँ
उनके
सारे कुसूर माफ़
बस
उनमे ही
इतना अहंकार है
वोह ही नहीं कहते
हुजुर माफ़ .......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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आज दिल से लिख रहे हैं जनाब क्या बात है. बेहतरीन अदाएगी
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