नई दिल्ली। रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार को लेकर अनशन पर बैठे बाबा रामदेव को पुलिस ने देर रात हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें गाजियाबाद-दिल्ली की बार्डर पर ले जाकर छोड़ दिया गया। उनसे कहा गया है कि दिल्ली से बाहर चले जाएं। पुलिस ने यह भी दावा किया बाबा को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस रामदेव पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं कि वे फिर दिल्ली में दाखिल न हो सकें। बाबा को कहां छोड़ा इस बारे में दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने बस इतना कहा कि हमने उन्हें छोड़ दिया अब हमें नहीं पता कि वे कहां हैं। पुलिस ने रामदेव के वाहन को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। यह वाहन फिलहाल कमलानगर थाने में रखा गया है। इस बीच बाबा के संगठन के प्रवक्ता ने बाबा के समर्थकों से रविवार सुबह जन्तर-मंतर पर जमा होकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है।
रामलीला मैदान में पुलिस की बर्बरता
इससे पहले शनिवार मध्यरात्रि बाद रामलीला मैदान में भक्तों और पुलिस के बीच भिड़न्त हो गई। बाबा ने आरोप लगाया है कि अनशन शुरू होने से घबराई सरकार की यह साजिश है। पुलिस कार्रवाई से पहले सरकार ने योग शिविर की इजाजत रद्द कर दी। जबरन पांडाल में घुसकर पुलिस ने माइक सिस्टम को उखाड़ दिया। पांडाल में आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पांडाल की लाइट काट दी गई। इसके बाद शिविर में जमा लोग आक्रोशित हो गए। लोगों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके। शिविर स्थल के भीतर और बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है तथा समूचे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है।
बाबा को जबरन उठाया, समर्थकों में गुस्सा
बाबा रामदेव को हिरासत में लेने रामलीला मैदान पहुंची ने समर्थकों को वहां सो रहे बाबा के समर्थकों को खदेड़ने की कोशिश की तथा पांडाल में घुस आई। पुलिस वारंट लेकर बाबा को गिरफ्तार करने आई थी। लेकिन वारंट नहीं दिखाया गया। इससे हालात बिगड़ते गए। पहले तो बाबा को उनके समर्थकों ने सुरक्षा घेरे में लिए रखा। इस दौरान बाबा ने समर्थकों को पुलिस से किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जोर-जबरदस्ती करने से पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का बहाना मिल जाएगा। बाबा ने कहा कि यदि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है तो दिन में आए, देर रात गिरफ्तारी ठीक नहीं। इससे समर्थक भड़क सकते हैं। इसके बावजूद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए समर्थकों के बीच से बाबा रामदेव को हिरासत में ले लिया।
अब जन्तर-मंतर पर डेरा
बाबा रामदेव की गिरफ्तारी के बाद संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बाबा का अपहरण किया है। पुलिस ने बिना वारंट बाबा को पहले हिरासत में लिया फिर अज्ञात स्थान पर ले गए। पुलिस ने पांडाल को नुकसान पहुंचाया, समर्थकों पर लाठियां बरसाई। पुलिस का कहना था कि ज्यादा बोलोगे तो दांत तोड़ दें्रगे। उन्होंने सुबह दिल्लीवासियों से इस घटना के विरोध में जन्तर-मंतर पर जमा होकर शांतिप्रिय तरीके से विरोध करने का आह्वान किया। इसके बाद बाबा के समर्थक देर रात ही जन्तर-मन्तर के लिए रवाना होने लगे।
'डील' का खुलासा होते ही बिगड़ी बात
कालेधन के मुद्दे पर सरकार और बाबा रामदेव के बीच शनिवार को दिनभर कभी हां, कभी ना के नाटकीय घटनाक्रम के बीच इससे पहले देर रात सरकार ने बाबा रामदेव को पत्र भेजकर काला धन पर कानून बनाने और इसे राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित करने का आश्वासन दिया। पत्र में भ्रष्टाचारियों को भी कड़ी सजा देने की बात कही गई। उधर, बाबा के प्रवक्ता बालकृष्ण ने कहा कि पत्र में क्या लिखा है इस बारे में वे रविवार को ही बात करेंगे।
चंद मिनटों में काफूर हो गई खुशी
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शाम 7 बजे कहा, सहमति बन चुकी है। इधर, बाबा ने भी अनशन स्थल के मंच से घोषणा की, सरकार विदेश में जमा कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने का कानून बनाएगी। इसके तत्काल बाद सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शुक्रवार को लिखा बाबा के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाला सहमति पत्र दिखाया। इसमें कहा गया कि बाबा 4 से 6 जून तक अनशन नहीं सिर्फ तप करेंगे। पत्र की खबर आते ही बाबा नाराज हो गए और सरकार पर धोखेबाजी का आरोप लगाया। बाबा ने कहा वह अपनी लड़ाई बंद नहीं करेंगे। विरोध तेज करने का संकेत देते हुए उन्होंने अपने और समर्थकों को दिल्ली आने के लिए कहा है।
सत्याग्रह के खिलाफ षड्यंत्र
इससे पहले योगगुरू ने शनिवार शाम साढ़े छह बजे ऎलान किया, सरकार से लिखित आश्वासन मिलने पर वे सत्याग्रह समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा, 'कपिल सिब्बल ने कहा है कि सरकार कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने पर राजी हो गई है।' इसी दौरान उनका फोन बजा। थोड़ी देर बाद सिब्बल द्वारा पत्र दिखाने की खबर से खफा बाबा ने कहा, सत्याग्रह के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है।
कालाधन राष्ट्रीय संपत्ति
सिब्बल ने कहा, हम कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने को तैयार हैं और इसके लिए कानून बनेगा। बाबा अब 500 और 1000 रूपए के नोटों पर पाबंदी लगाने की मांग पर जोर नहीं दे रहे हैं। हम सरकार के फैसले की सूचना बाबा को लिखित भेज देंगे। सरकार अवैध धन का पता लगाकर जब्त करने तथा अवैध धन अर्जित करने वालों को कड़ी सजा देने के लिए भी कानून बनाएगी। हमने रामदेव को मुख्य मांगें स्वीकार करने के बारे में सूचित कर दिया था। कानून बनाने के लिए समिति बनेगी, जो छह महीने में आवश्यक कदम उठाएगी।
बाबा बोले, मंत्री ने धोखा दिया है
केंद्रीय मंत्री ने मुझे धोखा दिया है। सिब्बल ने मुझसे कहा था कि सरकार दो दिन में आपकी मांगें मान लेगी और लिखित रूप से देगी। सिब्बल ने कहा, सत्याग्रह को लेकर सरकार की बेइज्जती हो रही है, इसलिए प्रधानमंत्री को विश्वास दिलाने के लिए आप पत्र लिख दें कि दो दिन में मांग पूरी होते ही आप सत्याग्रह वापस ले लेंगे। यह पत्र तभी जारी होगा, जब सरकार लिखित आदेश जारी करेगी। मैं जीवन में कभी सिब्बल से बात नहीं करूंगा।'
योगासनों से शुरू हुआ सत्याग्रह
योग गुरू बाबा रामदेव के नेतृत्व में शनिवार को रामलीला मैदान से हजारों लोगों ने सत्याग्रह शुरू किया। देश के अन्य भागों से भी इसे समर्थन मिल रहा है। इससे पहले सुबह 5 बजे से बाबा ने रामलीला मैदान में योगासन सिखाए और 7 बजे से सत्याग्रह शुरू किया।
ऋतंभरा के पहुंचने से विवाद
हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्मो के धर्मगुरू रामलीला मैदान पहुंचे। इस दौरान वहां पहुंची साध्वी ऋतंभरा के मंच पर बैठने का स्वामी अग्निवेश सहित कुछ लोगों ने विरोध किया।
ऋतंभरा जैसे सांप्रदायिक चेहरों को मंच पर बैठाने से भ्रष्टचार के खिलाफ जंग कमजोर होगी।
स्वामी अग्निवेश, अन्ना समर्थक
साध्वी ऋतंभरा की उपस्थिति से नाखुश हूं। भ्रष्टों के लिए फांसी की मांग से सहमत नहीं हूं।
प्रशांत भूषण, अन्ना समर्थक
दिग्विजय सिंह कांग्रेस के प्रवक्ता भी नहीं हैं। दिग्विजय बताएं कि वे किसके एजेंट हैं।
शाहनवाज हुसैन, प्रवक्ता, भाजपा
बाबा के सत्याग्रह में शामिल होने पर फैसला रविवार को दिल्ली पहुंच कर होगा।
अन्ना हजारे, सामाजिक कार्यकर्ता
कांग्रेस के आरोपों पर रामदेव के जवाब
बाबा संघ और भाजपा के एजेंट हैं। राजनीति कर रहे हैं।
जो लोग आध्यात्मिक गुरूओं को सांप्रदायिक कहते हैं वे मूर्ख हैं। मैं न तो कभी राजनीतिक पद लूंगा और न चुनाव चुनाव लडूंगा। मैं किसानों व गरीबों का एजेंट हूं और उनकी आवाज बिना डरे उठाता रहूंगा।
बाबा सत्याग्रह से सरकार अस्थिर करना चाहते हैं।
हमारी मंशा सत्ता नहीं, व्यवस्था बदलने की है। सरकार मांगें मान ले तो मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अभिनंदन करूंगा। मेरे 4 साल के बयान रिकॉर्ड हैं, लेकिन कभी किसी सरकार की आलोचना नहीं की।
बाबा सरकार के आगे झुक गए हैं।
मुझे आंदोलन को लेकर डराने की कोशिश की गई, लेकिन मैं तो मरने से भी नहीं डरता।
सत्याग्रह के लिए करोड़ों कहां से आए?
आंदोलन का खर्च लोगों के थोडे-थोडे चंदे से आया है। किसी पार्टी, संगठन या कंपनी का पैसा नहीं लगा है। मेरे नाम से दुनिया में कहीं भी कोई भी संपत्ति नहीं है और न मेरे पास एक रूपए बैंक बैलेंस है
Sunday, 05 Jun 2011 5:29:22 hrs IST
नई दिल्ली। रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार को लेकर अनशन पर बैठे बाबा रामदेव को पुलिस ने देर रात हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें गाजियाबाद-दिल्ली की बार्डर पर ले जाकर छोड़ दिया गया। उनसे कहा गया है कि दिल्ली से बाहर चले जाएं। पुलिस ने यह भी दावा किया बाबा को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस रामदेव पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं कि वे फिर दिल्ली में दाखिल न हो सकें। बाबा को कहां छोड़ा इस बारे में दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने बस इतना कहा कि हमने उन्हें छोड़ दिया अब हमें नहीं पता कि वे कहां हैं। पुलिस ने रामदेव के वाहन को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। यह वाहन फिलहाल कमलानगर थाने में रखा गया है। इस बीच बाबा के संगठन के प्रवक्ता ने बाबा के समर्थकों से रविवार सुबह जन्तर-मंतर पर जमा होकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है।
रामलीला मैदान में पुलिस की बर्बरता
इससे पहले शनिवार मध्यरात्रि बाद रामलीला मैदान में भक्तों और पुलिस के बीच भिड़न्त हो गई। बाबा ने आरोप लगाया है कि अनशन शुरू होने से घबराई सरकार की यह साजिश है। पुलिस कार्रवाई से पहले सरकार ने योग शिविर की इजाजत रद्द कर दी। जबरन पांडाल में घुसकर पुलिस ने माइक सिस्टम को उखाड़ दिया। पांडाल में आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पांडाल की लाइट काट दी गई। इसके बाद शिविर में जमा लोग आक्रोशित हो गए। लोगों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके। शिविर स्थल के भीतर और बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है तथा समूचे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है।
बाबा को जबरन उठाया, समर्थकों में गुस्सा
बाबा रामदेव को हिरासत में लेने रामलीला मैदान पहुंची ने समर्थकों को वहां सो रहे बाबा के समर्थकों को खदेड़ने की कोशिश की तथा पांडाल में घुस आई। पुलिस वारंट लेकर बाबा को गिरफ्तार करने आई थी। लेकिन वारंट नहीं दिखाया गया। इससे हालात बिगड़ते गए। पहले तो बाबा को उनके समर्थकों ने सुरक्षा घेरे में लिए रखा। इस दौरान बाबा ने समर्थकों को पुलिस से किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जोर-जबरदस्ती करने से पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का बहाना मिल जाएगा। बाबा ने कहा कि यदि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है तो दिन में आए, देर रात गिरफ्तारी ठीक नहीं। इससे समर्थक भड़क सकते हैं। इसके बावजूद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए समर्थकों के बीच से बाबा रामदेव को हिरासत में ले लिया।
अब जन्तर-मंतर पर डेरा
बाबा रामदेव की गिरफ्तारी के बाद संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बाबा का अपहरण किया है। पुलिस ने बिना वारंट बाबा को पहले हिरासत में लिया फिर अज्ञात स्थान पर ले गए। पुलिस ने पांडाल को नुकसान पहुंचाया, समर्थकों पर लाठियां बरसाई। पुलिस का कहना था कि ज्यादा बोलोगे तो दांत तोड़ दें्रगे। उन्होंने सुबह दिल्लीवासियों से इस घटना के विरोध में जन्तर-मंतर पर जमा होकर शांतिप्रिय तरीके से विरोध करने का आह्वान किया। इसके बाद बाबा के समर्थक देर रात ही जन्तर-मन्तर के लिए रवाना होने लगे।
'डील' का खुलासा होते ही बिगड़ी बात
कालेधन के मुद्दे पर सरकार और बाबा रामदेव के बीच शनिवार को दिनभर कभी हां, कभी ना के नाटकीय घटनाक्रम के बीच इससे पहले देर रात सरकार ने बाबा रामदेव को पत्र भेजकर काला धन पर कानून बनाने और इसे राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित करने का आश्वासन दिया। पत्र में भ्रष्टाचारियों को भी कड़ी सजा देने की बात कही गई। उधर, बाबा के प्रवक्ता बालकृष्ण ने कहा कि पत्र में क्या लिखा है इस बारे में वे रविवार को ही बात करेंगे।
चंद मिनटों में काफूर हो गई खुशी
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शाम 7 बजे कहा, सहमति बन चुकी है। इधर, बाबा ने भी अनशन स्थल के मंच से घोषणा की, सरकार विदेश में जमा कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने का कानून बनाएगी। इसके तत्काल बाद सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शुक्रवार को लिखा बाबा के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाला सहमति पत्र दिखाया। इसमें कहा गया कि बाबा 4 से 6 जून तक अनशन नहीं सिर्फ तप करेंगे। पत्र की खबर आते ही बाबा नाराज हो गए और सरकार पर धोखेबाजी का आरोप लगाया। बाबा ने कहा वह अपनी लड़ाई बंद नहीं करेंगे। विरोध तेज करने का संकेत देते हुए उन्होंने अपने और समर्थकों को दिल्ली आने के लिए कहा है।
सत्याग्रह के खिलाफ षड्यंत्र
इससे पहले योगगुरू ने शनिवार शाम साढ़े छह बजे ऎलान किया, सरकार से लिखित आश्वासन मिलने पर वे सत्याग्रह समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा, 'कपिल सिब्बल ने कहा है कि सरकार कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने पर राजी हो गई है।' इसी दौरान उनका फोन बजा। थोड़ी देर बाद सिब्बल द्वारा पत्र दिखाने की खबर से खफा बाबा ने कहा, सत्याग्रह के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है।
कालाधन राष्ट्रीय संपत्ति
सिब्बल ने कहा, हम कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने को तैयार हैं और इसके लिए कानून बनेगा। बाबा अब 500 और 1000 रूपए के नोटों पर पाबंदी लगाने की मांग पर जोर नहीं दे रहे हैं। हम सरकार के फैसले की सूचना बाबा को लिखित भेज देंगे। सरकार अवैध धन का पता लगाकर जब्त करने तथा अवैध धन अर्जित करने वालों को कड़ी सजा देने के लिए भी कानून बनाएगी। हमने रामदेव को मुख्य मांगें स्वीकार करने के बारे में सूचित कर दिया था। कानून बनाने के लिए समिति बनेगी, जो छह महीने में आवश्यक कदम उठाएगी।
बाबा बोले, मंत्री ने धोखा दिया है
केंद्रीय मंत्री ने मुझे धोखा दिया है। सिब्बल ने मुझसे कहा था कि सरकार दो दिन में आपकी मांगें मान लेगी और लिखित रूप से देगी। सिब्बल ने कहा, सत्याग्रह को लेकर सरकार की बेइज्जती हो रही है, इसलिए प्रधानमंत्री को विश्वास दिलाने के लिए आप पत्र लिख दें कि दो दिन में मांग पूरी होते ही आप सत्याग्रह वापस ले लेंगे। यह पत्र तभी जारी होगा, जब सरकार लिखित आदेश जारी करेगी। मैं जीवन में कभी सिब्बल से बात नहीं करूंगा।'
योगासनों से शुरू हुआ सत्याग्रह
योग गुरू बाबा रामदेव के नेतृत्व में शनिवार को रामलीला मैदान से हजारों लोगों ने सत्याग्रह शुरू किया। देश के अन्य भागों से भी इसे समर्थन मिल रहा है। इससे पहले सुबह 5 बजे से बाबा ने रामलीला मैदान में योगासन सिखाए और 7 बजे से सत्याग्रह शुरू किया।
ऋतंभरा के पहुंचने से विवाद
हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्मो के धर्मगुरू रामलीला मैदान पहुंचे। इस दौरान वहां पहुंची साध्वी ऋतंभरा के मंच पर बैठने का स्वामी अग्निवेश सहित कुछ लोगों ने विरोध किया।
ऋतंभरा जैसे सांप्रदायिक चेहरों को मंच पर बैठाने से भ्रष्टचार के खिलाफ जंग कमजोर होगी।
स्वामी अग्निवेश, अन्ना समर्थक
साध्वी ऋतंभरा की उपस्थिति से नाखुश हूं। भ्रष्टों के लिए फांसी की मांग से सहमत नहीं हूं।
प्रशांत भूषण, अन्ना समर्थक
दिग्विजय सिंह कांग्रेस के प्रवक्ता भी नहीं हैं। दिग्विजय बताएं कि वे किसके एजेंट हैं।
शाहनवाज हुसैन, प्रवक्ता, भाजपा
बाबा के सत्याग्रह में शामिल होने पर फैसला रविवार को दिल्ली पहुंच कर होगा।
अन्ना हजारे, सामाजिक कार्यकर्ता
कांग्रेस के आरोपों पर रामदेव के जवाब
बाबा संघ और भाजपा के एजेंट हैं। राजनीति कर रहे हैं।
जो लोग आध्यात्मिक गुरूओं को सांप्रदायिक कहते हैं वे मूर्ख हैं। मैं न तो कभी राजनीतिक पद लूंगा और न चुनाव चुनाव लडूंगा। मैं किसानों व गरीबों का एजेंट हूं और उनकी आवाज बिना डरे उठाता रहूंगा।
बाबा सत्याग्रह से सरकार अस्थिर करना चाहते हैं।
हमारी मंशा सत्ता नहीं, व्यवस्था बदलने की है। सरकार मांगें मान ले तो मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अभिनंदन करूंगा। मेरे 4 साल के बयान रिकॉर्ड हैं, लेकिन कभी किसी सरकार की आलोचना नहीं की।
बाबा सरकार के आगे झुक गए हैं।
मुझे आंदोलन को लेकर डराने की कोशिश की गई, लेकिन मैं तो मरने से भी नहीं डरता।
सत्याग्रह के लिए करोड़ों कहां से आए?
आंदोलन का खर्च लोगों के थोडे-थोडे चंदे से आया है। किसी पार्टी, संगठन या कंपनी का पैसा नहीं लगा है। मेरे नाम से दुनिया में कहीं भी कोई भी संपत्ति नहीं है और न मेरे पास एक रूपए बैंक बैलेंस है
baba ramdev ke baare main vistrat charcha karane ke liye badhaai sweekaren.
जवाब देंहटाएंplease visit my blog.thanks.
sarahniye charcha, aap ek jagruk insaan hain!
जवाब देंहटाएंye mudda ek rashtirye mudda hai, aam-jan ki bhaliai ka mudda hai! isko congress ya uske samarthak RSS aur BJP se jod kar log ko gumrah karne ki koshish kar rahe hain!
ham sabhi baba duwara uthaye mudde par ekjut hai!
jai hind jai bharat!
is sarkaar ne jis tarike se anshan ko samaapt karne ki koshish ki hai, wo aazaad bharfat ke itihaas ka ek "kala-din" hai!
ham iski bhatsarna karte hain!
बाबा को पहना दी ,कल जिसने सलवार
जवाब देंहटाएंअब तो बनने से रही ,फिर उसकी सरकार ।
रोज़ रोज़ पिटें लगे बच्चे और लाचार ,
है कैसा यह लोक मत ,कैसी है सरकार ।
आंधी में उड़ने लगे नोटों के अम्बार ,
संसद में होने लगा ये कैसा व्यवहार ।
और जोर से बोल लो उनकी जय जैकार ,
सरे आम पीटने लगे मोची और लुहार .
संसद में होने लगा यह कैसा व्यवहार ,
सरे आम होने लगा नोटों का व्यापार ।
संसद बने रह गई कुर्सी का त्यौहार ,
कुर्सी के पाए बने गणतंत्री गैंडे चार .
भाई साहब गम नहीं पाप का घड़ा फूटने ही वाला है .कांग्रेस के मुंह में आखिरी निवाला है .बाबा गले की हड्डी बनने वालें हैं .