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भतीजे की उपस्थिति में खोला ताला
जब कमरा खोला गया तब सत्य साईं के भतीजे व ट्रस्ट के सदस्य आरजे रत्नाकर के अलावा एसवी गिरि, वी.श्रीनिवासन और सचिव के. चक्रवर्ती, कुछ न्यायिक अधिकारी और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे। सत्य साईं बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत को ही यजुर मंदिर के बायो मीट्रिक ताले को खोलने की तकनीकी जानकारी थी। वे भी ट्रस्ट के सदस्यों व अधिकारियों के साथ मौजूद थे। सत्य साईं बाबा के जीवनकाल में सत्यजीत अकेले ऐसे व्यक्ति रहे, जिन्हें उनके निजी कक्ष में जाने की इजाजत थी।
पांच जीपों में भेजा सामान
सभी सामान को पांच जीपों में भरकर पुट्टपर्थी के स्टेट बैंक ले जाया गया। सोना, चांदी को एक्साइज विभाग के पास जमा किया गया है। इस दौरान वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मीडियाकर्मियों को भी वहां फटकने नहीं दिया गया।
समिति करेगी ट्रस्ट का संचालन
सत्य साईं बाबा की हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति की देखरेख की जिम्मेदारी फिलहाल आंध्रप्रदेश सरकार के वित्त सचिव वी. सुब्रrाण्यम को सौंपी गई है। उनके नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय समिति संपत्ति का लेखा-जोखा रखने के साथ ही ट्रस्ट का संचालन भी करेगी।
ट्रस्ट चला रहा 165 प्रोजेक्ट
ट्रस्ट का गठन 1972 में हुआ था और यह 165 देशों में प्रोजेक्ट चला रहा है। पुट्टपर्थी के अलावा देश भर में उसके 25,000 मंदिर हैं। इसके अलावा उसके पास 75 से 100 अस्पताल और दर्जनों शिक्षण संस्थाएं हैं। बाबा की संपत्ति कितनी है, इसका सही-सही अंदाजा किसी को नहीं है। समझा जाता है कि यह 40,000 करोड़ रुपए से लेकर डेढ़ लाख करोड़ रुपए के बीच है।
आपकी राय
सत्य साईं के कमरे से इतनी संपत्ति, खास कर 11.56 करोड़ की नकदी मिलने का क्या मतलब निकाला जा सकता है?
भाई जान
जवाब देंहटाएंकम से कम विश्व की तबाही के प्लान तो नही निकले बाबा के कमरे में. न मिसाइलें न तोप, आप क्या जानना चाह रहे हैं