आपका-अख्तर खान

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04 मई 2011

हाँ मुझे शर्म आती है .................

हाँ मुझे शर्म आती है .................मुझे यह स्वीकार करने में जरा भी घबराहट नहीं है , मुझे शर्म इसलियें आती है के ऐसे प्रधानमन्त्री के अधीनस्थ हूँ जिसके हाथ में परमाणु ब्रह्मास्त्र का रिमोट है वोह चाहे तो विश्व को तबाह कर सकता है लेकिन इतने बढ़े हथियार के बाद भी उसके देश की जनता विदेशी आतंकवादियों से सुरक्षित नहीं है .
जी हाँ दोस्तों में प्रधानमन्त्री जी मनमोहन सिंह जी की बात कर रहा हूँ जिनके शासन मने २६/११ हुआ और भी ना जाने कितने आतंकवादी पकिस्तान से आये चले गए ,यहाँ कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकवादी शिविर पकड़े गए भारत में निहत्थे लोगों की हत्या करने वाला आरोपी दौड़ पाकिस्तान में जाकर छुप गया लेकिन हमारे प्रधानमन्त्री जी सवा अरब जांबाज़  बहादुरों के सिपहसालार होने के बाद भी अल्लाह के नाम पर दे दे , भगवान के नाम पर देदे की तर्ज़ पर आतंकवादियों को पाकिस्तान से मांग रहे है अरे जब अमेरिका हजारों किलोमीटर दूर से पाकिस्तान में ही घुसकर ओसामा को मार डालता है तब हमे खुद पर शर्म आती है के हमारे देश के गद्दार हमारे देश की निर्दोष जनता के हत्यारे पाकिस्तान में कहाँ छुपे है हमे पता है लेकिन हम उनका बाल भी बांका नहीं कर पा रहे हैं ...........क्या हम अमेरिका की तर्ज़ पर पाकिस्तान में घुस कर हमारे दुश्मनों को खत्म करने में सक्षम है अगर ऐसा है तो थू है हमारे प्रधानमन्त्री जी पर जो हमारे देश के बहादुर लोगों और यहाँ की सेना की किरकिरी कर रहे हैं ...............में जनता हूँ गुस्सा आप लोगों में भी है आप लोग भी चाहते हैं के देश के दुश्मन कहीं भी छुपे हों उनका नाश हो और यह सब नारों और अखबारबाजी से नहीं होगा हमारी जनता पेट काट कर अस्सी फीसदी खर्च फोज पर करवाती है तो फिर हम पकिस्तान में ही घुसकर हमारे दुश्मनों को क्यूँ नहीं मारते हमे अपनी सुरक्षा अपने दुश्मनों को सजा देने के लियें आखिर किस के निर्देश का इन्तिज़ार है भाइयों उठो जागो खुद ही हाथ में हथियार लो और मजबूर करदो महंगाई और भ्रष्टाचार के महाराजा इन प्रधानमन्त्री जी को जो पाकिस्तान को अब उसके घर में घुस कर वहां  छुपे दुश्मनों को मार गिराएं इसके लियें हम प्रधानमन्त्री की ताकत बने उन्हें गुरु हनुमान की तरह उनकी ताकत का अहसास कराएं और देश को दुश्मनों से बचाएं अगर हम यह नहीं कर पाते हैं तो फिर तो भाई मुझे शर्म आती है के में और मेरे दोस्त भाई यह क्या कर रहे हैं .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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