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03 मई 2011

भारत के एक राज्य के मुख्यमत्री ला पता और मिडिया सरकार चुप

भारत के एक राज्य के मुख्यमत्री ला पता और मिडिया सरकार चुप देश और देश की जनता मीडिया से जुड़े लोगों के लियें इससे ज्यादा शर्म  की और क्या बात होगी के हमारे देश के एक राज्य अरुणाचल के मुख्यमंत्री हेलिकोप्टर सहित लापता हो जाते है इसकी छोटी सी खबर अख़बार और इलेक्ट्रोनिक मिडिया में आती है और फिर दुसरे दिन सारे देश का मीडिया अपने मुख्यमंत्री की तलाश की खबर को प्रमुखता नहीं देता है ओसामा और ओबामा से ही सारे चेनल सारे अख़बार भर दिए जाते है ......
खेर मिडिया है जो चाहे कर सकता है लेकिन जनता के किसी भी शक्स ने यह जान्ने की कोशिश नहीं की के आखिर हमारे अरुणाचल के मुख्यमंत्री कहाँ और किस हाल में है . हमारे ब्लोगर भाइयों में से जो चोथे स्तम्भ के नहीं पांचवें स्तम्भ के मालिक है उन्होंने भी अरुणाचल के मुख्यमंत्री कहा और किस हाल में है इस पर कोई सवाल कोई चिंतन नहीं किया , केंद्र सरकार का तो हाल आपसे छुपा ही नहीं है सरकार का एक ब्यान एक तलाश की जानकारी इस मामले में नहीं आई ...देश की इतनी बढ़ी घटना और देश खामोश है सरकार बे प्रवाह है अमेरिका जो किस घर में कोन क्या कर रहा है, किस घर में क्या खाना बना है पता लगा सकता है , ओसामा कहाँ छुपा है और क्या कर रहा है पता लगा सकता है लेकिन हमारी सरकार इतने दिन गुज़र जाने के बाद ही अगर हमारे अरुणाचल प्रदेश जो देश का एक राज्य है उसके मुख्यमंत्री का पता नहीं लगा सके उसकी गुमशुदगी पर देश का कोई भी मीडिया खुद सरकार चिंता नहीं जताए तलाश में दिलचस्पी नहीं दिखाए तो खुद हम जेसे सन्वेदनशील लोगों का सर शर्म झुक जाता है ............एक मई मजदूर दिवस  से आज तक तीन दिन गुज़र गए लेकिन कोई भी अरुणाचल की जनता के आंसू नहीं पोंछना चाहता है खुदा करे अरुणाचल के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू सुरक्षित हो और खुदा उन्हें लम्बी उम्र दे लेकिन एक सच यह भी है के आखिर एक मुख्यमंत्री को आसमान खा गया या जमीन निगल गयी  इसकी जानकारी तो सभी को होना ही चाहिए  ओसामा का खात्मा की खबर विश्व के लियें महत्वपूर्ण हो सकती है लेकिन उससे ज़्यादा महत्वपूर्ण और जिज्ञासा हमारे देश के एक राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में जानकारी प्राप्त करना है जो ज़िम्मेदारी हमारे देश के मीडिया हमारे देश के ब्लोगर हमारेदेश की सरकार ने आज तक नहीं निभाई है अगर एक मुख्यमंत्री ग़ुम  जाए और सरकार तथा मिडिया खामोश रहे तो शायद दाल में कुछ काला ही नहीं बलके दाल ही पूरी काली नज़र आने लगी है .................यह है हमारा ज़िम्मेदार देश जो अपने देश का दर्द भुलाकर दुसरे की ख़ुशी में शामिल होकर गर्व महसूस करता है आप ही बताइए सरकार और मिडिया का अरुणाचल मुख्यमंत्री के लियें यह बेरुखापन क्या देश के साथ इसाफ है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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