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03 अप्रैल 2011

बिना पूर्व योजना के किया जा रहा सोंद्र्य्करण का काम काज ठप्प

राजस्थान के कोटा शहर के सोद्र्य्करण और विकास के लियें विभिन्न मदों से करोड़ों करोड़ का बजट स्वीक्रत किया गया हे लेकिन यहाँ तानाशाही के चलते कई करोड़ के काम शुरू होने के बंद बंद होने के कगार पर हें और सरकार करोड़ों के घाटे में हे .
कहते हें के अगर सरकार पहले से ही किसी योजना को क्रियान्वित करने के पूर्व सम्बन्धित विभागों से अनुमति ले ले जनता को भरोसे में ले ले तो हर निर्माण हर विकास जनता को मंजूर होता हे लेकिन मनमाना नोकर शाहों का निर्माण जनता कतई बर्दाश्त नहीं करती और जब जनता उबाल प[आर आती हे तो सारा सोंद्र्य्कर्ण धरा का धरा रह जाता हे , कोटा में करोड़ों करोड़ की योजना को नयापुरा बारां रोड पर पुल बनाने की योजना बनी मिलेट्री वालों से सुरक्षा सम्बन्धित कोई ऍन ओ सी नहीं ली गयी मिलेट्री वाले इंकार करते रहे उनसे वार्ता नहीं की गयी और ठेका दे कर करोड़ों रूपये का काम शुरू करवा दिया गया जिसमें कई करोड़ रूपये खर्च भी कर दिए गए लेकिन आखिर में मिलेट्री ने अपनी वाली बताई और ठेकेदार वगेरा को सुरक्षा को खतरा बताकर मोके से भगा दिया अब करोड़ों खर्च के बाद भी यह योजना खटाई में हे और सरकार के करोड़ों अटक गये हें ठेकेदार क्षतिपूर्ति अलग से मांग रहा हे ......
दुसरा काम कोटा में बीचों बीच स्थित किशोर सागर तालाब जिसे छोटा कर निर्माण करना हे यह तालाब ऐतिहासिक हे और पुरातत्व कानून में बिना अनुमति के इस तालाब के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता इतना नहीं कोई भी इस तालाब का आकर शक्ल सुरत नहीं बदल सकता और इसीलियें करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद जब पुरातत्व विभाग को पता चला तो उन्होंने आपत्ति की और काम रोक दिया गया ........
तीसरा काम ऐतिहासिक मुस्लिम वक्फ सम्पत्ति अधरशिला जहां एक बढ़ी शिला बिना किसी के सहारे के टिकी हे और उसे देखने हजारों लोग देश विदेश से आते हें वहां वक्फ सम्पत्ति हे कब्रिस्तान हे लेकिन सरकार और नगर विकास न्यास ने वहां कब्रों के पास तलाई में खुदाई कर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कोशिशें तेज़ कर दीं आसपास के मुसलमान भडके वक्फ सम्पत्ति का गजट बताया गया और नगर विकास न्यास के अधिकारी फिर भी जब अपनी जिद पर अड़े रहे तो माहोल बिगड़ने लगा लेकिन शहर काजी के समझाने के बाद अब यह निर्माण भी रुक गया हे ..
कुल मिलाकर अव्यवस्थित विकास जनता को दुखी कर या किसी कानून का उलंग्घन कर किया जाए तो वोह विकास नहीं विनाश होता हे वोह सोंद्र्य्करण नहीं सभ्यता को कुरूप करने का प्रयास होता हे ऐसे में सरकार को सभी राज्य सरकारों को और निकायों को निर्देश देना चाहिए के कोई भी काम जब तक सभी प्रकार की सुनवाई कर संतुष्ट नहीं हो जाएँ तब तक करोड़ों रूपये का डाव नहीं खेलना चाहिए ताकि रुपया , सुख शान्ति बर्बाद होने से रुक सके लेकिन यह नेता यह अधिकारी हे किसी की कब मानते हें इनके लियें कानून,मर्यादाएं और जनभावनाओं की तो ज्कोई कदर ही नहीं हे .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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