आपका-अख्तर खान

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03 अप्रैल 2011

उसूलों के लियें टकराओ

ब्लोगिंग की दुनिया में इन दिनों चल रही उथल पुथल को लेकर 
कल एक जनाब ने जो शेर सुनाया उसे सुन कर मुझे तो अच्छा लगा 
वही शेर आपकी खिदमत में पेश हे ..................... . 
उसूलों पर 
अगर आंच आये 
तो टकराना 
जरूरी हे ,
अगर हम 
जिंदा हें 
तो ज़िंदा 
नज़र आना 
जरूरी हे ............................... 
प्रस्तुत करता ...... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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