ब्लोगिगं की दुनिया में पिछड़ों के लियें सुधार की योजनाएं तय्यार करते है डॉक्टर रूपचंद ब्लोगिंग की दुनिया में पिछड़ों के लियें सुधार की योजनायें लागु करने और उन्हें इन्साफ दिलवाने वाले डॉक्टर रूपचंद शास्त्री मयंक जहां ब्लोगिगं को अपने अल्फाजों से रूपवान कर खुबसूरत बना रहे हैं वहीँ अपने ज्ञान से शास्त्री बनकर सभी उम्र के ब्लोगर भाइयों को सच्चाई का पाठ भी पढ़ा रहे हैं .
ब्लोगिंग की दुनिया में हर दिल अज़ीज़ बने भाई रूपचंद जी का जन्म ४ फरवरी को उत्तर प्रदेश में हुआ , इनका बचपन खटीमा में गुजरा और फिर भाई रूपचंद ने एम ऐ हिंदी और संस्कृत में किया , डॉक्टर यानी चिकित्सक जो ओपरेशन टेबल पर मरीजों को तडपता देख कर अपने जादू से उनके दुःख दूर कर देता है वही डॉक्टर अगर अपने अल्फाजों से लोगों के जीवन को संवारने उसे सुधारने के प्रयास करने लगे तो ऐसे ब्लोगर को समाज सेवक नहीं तो और क्या कहेंगे , जी हाँ इन जनाब रूप चंद जी को डोक्टर की डिग्री लेने के बाद भी सुख चेन नहीं मिला और यह संस्क्रत में एम ऐ कर शास्त्री बन गए हिंदी में एम ऐ कर साहित्यकार बन गये ,जनता की सेवा की ,खासकर दलित और पिछड़ों के उत्थान के लियें काम किया और इनके काम काज सेवा भाव को देखकर उत्तराखंड सरकार में डॉक्टर रूपचंद जी को २००५ से २००८ तक अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बनाया गया जहां इन जनाब ने लोगों के दुःख दर्द को समझा उनका निदान किया और फिर लेखन की दुनिया में शामिल हो गए पत्रकारिता और सम्पादन विधा के धनी डोक्टर साहब ने १९९६ से २००४ तक उच्चारण पत्रिका का सम्पादन किया इन्होने सुख का सूरज और नन्हे सुमन पुस्तक का लेखन भी किया . दलितों ,पिछड़ों और पीड़ितों के सेवक रहे डॉक्टर रूपचंद जी वेदशास्त्र अधिक पढ़ना पसंद करते हैं और आर्यसमाज विचारधारा से प्रभावित हैं .
डॉक्टर रूपचन जी काफी लम्बे वक्त से ब्लोगिंग की दुनिया में अपने हुनर और अल्फाजों के जरिये ज्ञान बाँट रहे हैं अमर भारती .....उच्चारण ..............एग्रीगेटर.........ब्लोगमंच ..चर्चा मंच .......नन्हे सुमन ..बाल चर्चा मंच ...शब्दों का दंगल .. क्रति से यूनिकोड ..यूनिकोड से क्रति ...सम्पादन ब्लॉग के मालिक डोक्टर रूपचंद के हर वर्ग हर आयु से जुड़े लोगों के लियें ब्लॉग हैं यह ब्लॉग मंच पर चर्चा मंच पर सभी ब्लोगर भाईयों को स्थान देते हैं उन्हें नवाजते हैं उन्हें प्यार देते हैं एक दुसरे से एक दुसरे को मिलाते हैं ,तो यही ब्लोगर नन्हे सुमन में बच्चों के लियें लिखते वक्त बच्चे बन जाते हैं , एक ब्लोगर जो कभी बच्चा ,कभी बूढा ,कभी शिक्षक ,कभी सेवक ,कभी मार्गदर्शक ,कभी पंडित ,कभी लेखक तो कभी कवि बन जाए तो उसे महाज्ञानी अगर कह दिया जाए तो कोई बढ़ी बात नहीं है इसीलियें डॉक्टर रूपचंद जी मयंक ब्लोगिंग की दुनिया के हरफन मोला ,हर दिल अज़ीज़ महाज्ञानी ब्लगर हैं जिनसे सभी ब्लोगर भाइयों को कुछ ना कुछ सीखने को जरुर मिलता है और ऐसे ब्लोगर को मेरा सलाम ................................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
भाई अख़्तर खान अकेला जी।
जवाब देंहटाएंइस तारीफ के काबिल तो मैं नहीं था। क्योंकि बहुत से अग्रज और मूर्धन्य साहित्यकार हिन्दी ब्लॉग जगत में मौजूद हैं।
आपने मुझे मान दिया कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।
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कृपया यह सुधार कर दें-
सन् २००५ से २००८ तक अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य मैं उत्तराखण्ड सरकार में रहा हूँ, न कि उत्तर प्रदेश में।
मयंक जी को हम भी आफ़ताब कह चुके हैं । आपने अच्छा किया जो उनकी क़ाबिलियत को सराहा । उनकी कुछ कविताएँ आप मुशायरा ब्लॉग पर देख सकते हैं ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया .
क्या आपने अभी तक मुशायरा नहीं देखा ?
http://mushayera.blogspot.com
मयंक जी को हम भी आफ़ताब कह चुके हैं । आपने अच्छा किया जो उनकी क़ाबिलियत को सराहा । उनकी कुछ कविताएँ आप मुशायरा ब्लॉग पर देख सकते हैं ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया .
क्या आपने अभी तक मुशायरा नहीं देखा ?
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