आपका-अख्तर खान

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19 अप्रैल 2011

एक इल्तिजा एक सुझाव ................... .

आदरणीय बन्धुवर, ब्लोगर साथियों आज बढ़े ही दुखी मन से मुझे यह सब इल्तिजा करना पढ़ रही है और इस इल्तिजा  के साथ साथ कुछ सुझाव भी देना पढ़ रहे हैं , मेरे भाइयों और बहनों, इन दिनों ब्लोगिंग में फिर से जिद और बहस के दोरान ब्लोगिंग की खुबसूरत दुनिया का स्वर्गिक सुख नरक में बदलता जा रहा है  और इसे सिर्फ और सिर्फ आप और हम ही मिलकर रोक सकते हैं .
दोस्तों आप और में, यानि हम सब मिलकर अगर चाहें तो इस ब्लोगिंग की इस गंदगी, इस विकार को दूर कर सकते हैं , आज ब्लोगिग्न में कुछ गिनती के लोगों ने एक दुसरे की भावनाएं आहत कर ,एक दुसरे के धर्म का मजाक उढ़ा कर, कमियाँ निकाल कर, माहोल को सनसनीखेज़ बनाया जा रहा है पहले भी ऐसा हुआ है लेकिन शुक्र है खुदा का, के सभी भाइयों को सदबुद्धी आई और फिर वातावरण प्यार का बना , बिचारे का बना सद्भावनाए एक दुसरे के लियें एक दुसरे के दिल में पैदा हुईं , लेकिन कुछ दिनों से फिर इस खुबसूरत दुनिया को उजाड़ने के लियें माहोल फिर से बिगाड़ना शुरू कर दिया है एक दुसरे को निचा दिखने का प्रयास शुरू हो गया है एक दुसरे के धर्म की फजीहत कर वैमनस्यता भड़काई जा रही है यह सब तात्कालिक विचार हैं जो कुछ लोगों द्वारा केवल गुस्से में लिए गए निर्णय के तहत किया जा रहा है कुछ लोगों के इस गुस्से , बदले के इस भाव से सभी ब्लोगर सकते में हैं उनकी सांस थम सी गयी है और सभी लोग ब्लोगिंग की दुनिया में इस जहरीले धुंए से घुटन का सा माहोल होने से उकता गए हैं हालत यह हैं के गुटबाजियां    बढ़ गयी हैं इस खतरनाक माहोल में अधिकतम ब्लोगर तटस्थ हैं लेकिन उनकी ख़ामोशी एक अपराध है इस माहोल को सहकर भी इसे सुधरने के प्रयास अगर नहीं किये जाते हैं तो भाई फिर तो हमें खुद के इन्सान होने पर भी शक होने लगता है एक जानवर एक कुत्ता एक दुसरे पर भोकता ही एक दुसरे पर हमला करता है से लहू लुहान करता है बस इसीलियें वोह जानवर कहलाता है और एक इन्सान छोटी मोटी मानवीय भूलों को नज़र अंदाज़ करता है जन बुझ कर अपराध करने वाले का सामूहिक विरोध करता है और हालात यहाँ तक होते हैं के उन्हें कानून के प्रावधानों के तहत दंडित भी करवाता ही .
दोस्तों इस माहोल में आज अगर हम हाथ पर हाथ धर कर बैठते हैं तो हम मानवता और राष्ट्रिता से ज्यादती कर रहे हैं देश का कानून है किसी को भी किसी के धर्म का अपमान करने का हक नहीं है कोई भी किसी के धर्म का मजाक उढ़ाकर या उसे निचा दिखाकर अगर भडकाऊ बात करता है तो उसे सजा देने का प्रावधान है और उसे सजा मिलना ही चाहिए , मेरी इल्तिजा है उन लोगों से जो मेरे छोटे या बढ़े भाई है गुस्से में आप खो बेठे हैं और देश के कानून को तमाशा बनाकर एक दुसरे के धर्म पर कीचड़ उछल रहे हैं लेकिन यह सब गंदगी अब ज्यादा दिन  चलने वाली नहीं है देश में साइबर कानून है और इंटरनेट की दुनिया में फर्जी आई डी बना कर या छदम  नामों से फर्जी ब्लॉग बना कर अगर अपराध किया जाता है तो उन्हें पकड़ना मुश्किल काम नहीं है अगर पकड़ा जाता है तो कमसेकम सात साल और तीन लाख जुरमाना दंड है कोटा में कई कोचिंग छात्र इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं और आज उनका जीवन इन मुकदमों के कारण बेकार हो गया है यह वोह बच्चे हैं जो कोटा में अपना भविष्य बनाने आये थे और सभी बच्चे प्रभावशाली लोगों के थे लेकिन यह लोग  सभी राजनेतिक और साम दाम दंड भेद के बाद भी अपने इन बच्चों को अपराध से नहीं बचा सके हैं . अगर कोई यह समझे के देश के कानून के साथ खिलवाड़ कर कोई अपराध से बच जाएगा तो उसे देश के आतंकवादियों और गद्दारों का सच देखलेना चाहिए हमारा देश ऐसे लोगों को पकड़ने और दंड दिलवाने के लियें सक्षम है में नहीं कहता के हमारे किसी भी ब्लोगर भाई को दंड मिले लेकिन मेरा यह फर्ज़ है के कोई भी ब्लोगर कोई भी फर्जी आई डी बनाकर वैमनस्यता भडकाने का अगर प्रयास करता है तो मुझे और मेरे शांत बेठे भाइयों को इस बारे में विचार करना होगा मेरे भाइयों प्लीज़ इस वातावरण को फिर से सुधार लो फिर से भाई चारे और सद्भावना का माहोल बना लोग प्यार दो प्यार लो का नारा बुलंद कर लो और एक शांत भ्रस्ताचार मुक्त भारत के निर्माण में मददगार बनो अगर किसी ब्लोगर की लेखनी से किसी की भावनाएं आहत हुई है तो में उन सभी की तरफ से आप सभी भाइयों से माफ़ी मांगता हूँ लेकिन प्लीज़ मेरी इल्तिजा स्वीकार करे और ब्लोगिंग का दम घोटू वातावरण फिर से प्यार और भाईचारे सद्भाव की फुहाल्र से मोहम्ब्बत की खुशबु से महका दो ............. अकह्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

4 टिप्‍पणियां:

  1. आप की इल्तजा कुबूल है। सब को भी होनी चाहिए।

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  2. इतनी बड़ी अपील पर मात्र एक टिप्पणी का आना क्या बता रहा है ?
    और आपकी इल्तिजा क़ुबूल की भी तो किसने ?
    जो शाँत औरत वर्ग को धर्म से घृणा और बग़ावत के लिए उकसा चुके हैं ।
    पोस्ट के लिए शुक्रिया .
    क्या आपने अभी तक मुशायरा नहीं देखा ?
    http://mushayera.blogspot.com

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  3. भाई अख्तर खान अकेला साहब
    आपकी चिंता सही है. कुछ लोग माहौल बिगाड़ने में ही सुख का अनुभव करते हैं. इसके पीछे एक खास मनोविज्ञान काम करता है. क्रियेट कंत्रोवर्शी एंड बी बेस्टसेलर. इसे उटपटांग हरकतों से लोगों का ध्यान आकृष्ट करने का ओछा प्रयास कह सकते हैं. यह एक किस्म का मानसिक रोग है जिसका इलाज कोई मनोचिकिस्तक ही कर सकता है. कानूनी कार्रवाई भी इसपर ज़रूर कुछ लगाम लगा सकती है. हम आप यही कर सकते हैं कि उसपर कोई नोटिस ही न लें. उसकी योजना को विफल कर दें. आप देखिये दो दशक पहले जो शरारती तत्व एक झटके में कई शहरों का माहौल बिगड़ देते थे आज उन्हें कहीं कामयाबी नहीं मिल रही है. ऐसे तत्वों की उपेक्षा करना ही उचित होगा.
    ---देवेंद्र गौतम

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  4. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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