एक अटूट रिश्ता ,एक पाकीज़ा रिश्ता, एक जीवन साथ जीने मरने वाला रिश्ता जी हाँ में पीटीआई पत्नी के रिश्ते की बात कर रहा हूँ जिस रिश्ते के बारे में कहा जाता है के पति के बगेर पत्नी और पत्नी के बगेर पति का जीवन अधूरा है लेकिन अगर यही रिश्ते एक दुसरे के जान ,माल और इज्जत के भूखे हो जाए तो फिर रिश्तों का मोल क्या रह जाता है .
दोस्तों दुआ करते हैं खुदा हमारे समाज को ऐसे दरकते जहरीले रिश्तों से बचाए जो बिगढ़ने के बाद एक दुसरे के इज्ज़त के प्यासे हो जाएँ एक पत्नी जब पति के खिलाफ दहेज़ का मुकदमा दर्ज कराती है तो पत्नी को जेल भेज कर भी वोह सुकून हासिल करती है लेकिन एक पति जो अपनी नोकरी दिलाता हैं उसका संरक्षक होता है अगर वही अपनी पत्नी को धोखा धडी के मामले में फंसाने के लियें सरकार को सुचना दे मुकदमा दर्ज कराए तो ऐसे रिशों को क्या कहेंगे , जी हाँ दोस्तों राजस्थान के रायपुर के पास सुनेल ग्राम धतुरिया में कार्यरत अध्यापिला श्रीमती सीमा सिसोदिया के खिलाफ उनके पति अशोक राव ने मुकदमा दर्ज कराया है के उनकी पत्नी चित्तोड़ में पिता के साथ निवासित थीं और मध्य प्रदेश से बी एड किया है फिर भी सुनेल का खुद को बताकर फर्जी मूल निवासी प्रमाण पात्र बनवाकर नोकरी प्राप्त कर ली है पति की मांग है के पत्नी को इस कारण से नोकरी से हटायें और फर्जी वादा करने के लियें मुकदमा दर्ज कर जेल भिजवायें , है ना अफ़सोस नाक बात के एक पति एक पत्नी की इज्जत और नोकरी का दुश्मन बन गया है लेकिन समाज में यह बगावत यह दुश्विचार क्यूँ और केसे आ रहे हैं इस पर कोई भी समाजशास्त्री चिन्तन मंथन कर कोई शोध पात्र कोई सुझाव नहीं दे प़ा रहा हे समाज में इन रिश्तों की दरारों को पाटने की जगह अगर और बढाया गया तो एक दिन समाज का वातावरण ही जहरीला हो जाएगा इसलियें इस पर सरकार और गेर सरकारी समाजसेवी संगठनों सहित जनता को भी विचार कर परिवर्तन के लियें कोई फार्मूला सुझाना चाहिए .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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