देश में आगामी कुछ सालों में जनता को खाने के दाने नहीं मिलेंगे और भुखमरी के दोर से गुज़ारना पढ़ सकता है बस इसी विपदा से बचने के लियें देश में अब सामूहिक भोज में खाने पीने की वस्तुओं को बेकार ही तबाह और बर्बाद होने से बचाने के लियें कानून की आवश्यकता आन पढ़ी है और इसके लियें शीघ्र ही कानून बनने जा रहा हे .
देश में आपात स्थित के दोरान गेस्ट कंट्रोल एक्ट और म्रत्यु भोज विबंधित अधिनियम लागू किया गया था और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये थे आज भी देश में हालत बिगड़े हुए हैं दिन प्रतिदिन फ़िज़ूल खर्ची बढ़ रही है सामूहिक भोज शादी ब्याह,सम्मेलन,म्रत्यु भोज नुक्तों में नियमित रूप से खाध्य पदार्थों का तीस फीसदी से भी अधिक हिस्सा बेकार खराब हो रहा है अनावश्यक भोज और विभिन्न प्रकार की वेरायटी के व्यंजनों से प्लेटों में काफी खाना छोड़ा जाता है और कई बार खाना बचने के कारण बेकार भी जाता है एक सर्वे के मुताबिक़ भारत में २५ फीसदी खाध्य सामग्री बेकार ही नष्ट हो जाती है .इसे रोकने के लियें भविष्य के खतरे से निपटने को द्रष्टिगत रखते हुए भारत सरकार ने अब शादी समारोह में केवल एक ही व्यंजन देने का कानून का मसोदा तय्यार किया है जिसे लागू करने की प्रकिया पर अंतिम विचार विमर्श का दोर चल रहा है .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
A good step
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