राजस्थान में अब प्राइमरी स्कुल खोलना मुश्किल हो गया है , यहाँ नया स्कुल खोलने के लियें अब कड़े कायदे कानून बनाये गए हैं जिससे राजस्थान जो पहले से ही साक्षरता में पिछड़ा हुआ है वोह और पिछड़ जाएगा ऐसा विशेषज्ञों का अनुमान है .
राजस्थान में सरकार ने एक कनून बना कर सभी निजी स्कूलों को मान्यता लेने के लियें पाबन्द किया है इसके लियें सरकार ने विशेष नियम भी बना डाले हैं नये नियमों के तहत सभी निजी प्राइमरी स्कूलों को अब मान्यता लेना आवश्यक है अभी तक राजस्थान में साक्षरता को बढ़ावा देने के लियें यहाँ प्राइमरी शिक्षा तक मान्यता आवश्यक नहीं थी और इसी लियें गली मोहल्लों में सरकारी स्कुल उपलब्ध नहीं होने पर निजी स्कुल शिक्षा की पूर्ति कर रहे थे अब इस नये नियम का उल्न्न्घन करने पर स्कूल संचालक पर एक लाख रूपये का जुर्माना है , राजस्थान के निजी और सरकारी स्कूलों में अब गाइड और स्काउट को भी जरूरी किया जा रहा है .
राजस्थान में एक तरफ तो साक्षरता में करोड़ों खर्च के बाद भी नतीजा जीरो रहा है और ऐसे में जब निजी स्कूलों पर खासकर प्राइमरी स्कूलों पर शिकंजा कसेगा तो मदरसा स्कूलों से लेकर सभी स्कूलों के लियें दिक्कत खड़ी हो जायेगी वेसे राजस्थान में जो सबसे ज्यादा जरूरी चीज़ है वोह है शिक्षा गारंटी अधिकार की क्रियान्विति जिस मामले में सरकार अभी तक कानून को लागु करने के आलावा कोई कारगर कदम नहीं उठा सकी है जबकि सभी निजी स्कूलों में नया सेशन शुरू हो गया है मेने कोटा में सर्वेक्षण किया लेकिन अब तक तो यहाँ एक भी बच्चा इस शिक्षा गारंटी कानून के तहत एडमिशन लेने वाला नहीं मिला .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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