शुक्र है खुदा का विनायक सेन को इस देश के सुप्रीम कोर्ट ने इन्साफ दे दिया है , विनायक सेन अब जल्द ही जमानत पर आज़ाद होंगे .
सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता विनायक सेन की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए कहा है के किसी की हिमायत करना उस संगठन के साथ जुदा हुआ नहीं माना जा सकता ,सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया के किसी के घर से गाँधी जी का लिटरेचर अगर बरामद होता है तो उसे गांधीवादी नहीं कहा जा सकता अपने आदेश को खुलासा करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने विनायक सेन को इस अपराध से प्रथम द्रस्त्या अलग मानते हुए विनायक सेन को जमानत दी है . विनायक सेन की जमानत के इस आदेश से देश की विभिन्न जेलों में इस काले कानून के तहत सड़ रहे कई आरोपियों को मदद मिलेगी और जिन मामलों की सुनवाई हो रही है उसपर भी मदद मिलेगी , इसके पूर्व भी सुप्रीम कोर्ट इस तरह के कई मामलों में ऐसे निर्देश दे चुका है लेकिन निचली अदालते हैं के सुप्रीम कोर्ट की भावनाएं नहीं समझ पा रही हैं और देश में यह सब तमाशा हो रहा है .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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