अन्ना हज़ारे फिर हार गए हैं बात आपको थोड़ी अटपटी लगेगी लेकिन सच यही है अभी हाल ही में अन्ना ने कथित रूप से देश में व्याप्त भ्रस्ताचार के खिलाफ लाखों रूपये का चंदा एकत्रित कर एक बढ़ा कामयाब आन्दोलन किया और इसमें अन्ना की जीत के बाद अन्ना की भ्रस्ताचार के खिलाफ फिल्म सुपरहिट हो गयी लेकिन दोस्तों देश आज भी ना तो जगा है और ना ही देश की सरकार के कान में जूं रेंगी है और इसीलियें में कहता हूँ की भ्रटाचार के खिलाफ अन्ना की फिल्म हिट होकर भी फ्लॉप हो गयी है .
देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट बार बार सरकार को डांट कर देश के गद्दार काले धन के व्यापारियों की सूचि तलब करती है इस सूचि को सार्वजनिक करने के लियें आदेश देती है लेकिन सरकार है के टस से मस नहीं होती एक तरफ सुचना के अधिकार की कामयाबी का ढिंढोरा दूसरी तरफ भ्रस्ताचार के खिलाफ लोकपाल विधेयक बनाये जाने पर सहमती पर ख़ुशी और तीसरी तरफ सभी कायदे कानून ताक में रख कर सुप्रीम कोर्ट के देश हित में जरी आदेशों का बार बार उलन्घ्घन ,सुप्रीम कोर्ट चीखती है चिल्लाती है लेकिन सरकार काले धन की सूचि को अपनी अंटी से बाहर नहीं निकालती और देश की इस भर्स्ट सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट बेबस लाचार नज़र आती है जब सरकार के सामने कानून की पालना करने वाली सर्वोच्च संस्था की यह हेसियत है तो फिर अन्ना जी आज आप जीते केसे आपके आन्दोलन का देश और देश की सरकार पर किया असर हुआ जरा हमें भी तो समझाएं अन्ना जी हम आपके साथ है अगर आपको जितना है अगर देश को सही मायनों में भर्स्ट लोगों से बचाना है तो एक बार फिर देश के काले धन के सोदागारों की सूचि को आम करने के लियें आप फिर से अनशन करें देश आपके साथ रहेगा क्या अन्ना अजी ऐसा कर रहे हैं ..........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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