राजस्थान पुलिस के प्रशिक्षित कमाडो के संरक्षण में उदयपुर से झालावाड तारीख पेशी पर ले जाते वक्त भानु प्रताप सिंह गेंगेस्र्टर को उदयपुर कोटा मार्ग पर कुछ बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी रोककर ताबड़तोड़ गोलियां चला कर हत्या कर दी इस गोलीबारी में पुलिस का एक कमांडो और एक पुलिस कर्मी शहीद हो गये जबकि चार अन्य पुलिस कर्मी गम्भीर घायल हैं जिन्हें कोटा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है .
भानु प्रताप सिंह राजस्थान में कई राजनेताओं का वरद हस्त होने से आतंक और गुंडा गर्दी का पर्याय बना था जिसे पुलिस ने एक साल पहले गिरफ्तार किया था इस भानु ने झालावाड से कोटा तारीख पेशी पर आते वक्त पुलिस हिरासत में राजू जोशी की निर्मम हत्या की थी इसके अलावा कई दर्जन हत्या ,डकेती चोथवसुली के मामलों में वोह शामिल था झालावाड सहित कई जिलों के चुनावों को वोह प्रभावित करने में सक्षम था जेल से उसकी हुकूमत चला करती थी .
भानु प्रताप सिंह की पुलिस हिरासत में इस हत्या ने राजस्थान पुलिस की सक्रियता और ताकत पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है राजस्थान में कमांडो इस दल के साथ होने के बाद कमांडो बिना गोली चलाए मर दिया जाए यह पुलिस और क्मानादो की काबलियत पर प्रश्न चिन्ह हे और जो अपराधी खूंखार हो पुलिस हिरासत में हत्या का आरोपी हो और हजारों गेंगेस्टर जिसकी जान के दुश्मन हों उसकी इस लापरवाही भरी सुरक्षा के चलते हत्या कर देना दो पुलिस कर्मियों के शहीद होजाने की घटना पुलिस प्रशासन की कहीं न कहीं पुलिस की लापरवाही दर्शाता है . पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है लेकिन अपराधियों की धरपकड़ और नाकेबंदी के नाम पर अभी पुलिस बगलें झाँक रही है .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
भानु प्रताप सिंह राजस्थान में कई राजनेताओं का वरद हस्त होने से आतंक और गुंडा गर्दी का पर्याय बना था जिसे पुलिस ने एक साल पहले गिरफ्तार किया था इस भानु ने झालावाड से कोटा तारीख पेशी पर आते वक्त पुलिस हिरासत में राजू जोशी की निर्मम हत्या की थी इसके अलावा कई दर्जन हत्या ,डकेती चोथवसुली के मामलों में वोह शामिल था झालावाड सहित कई जिलों के चुनावों को वोह प्रभावित करने में सक्षम था जेल से उसकी हुकूमत चला करती थी .
भानु प्रताप सिंह की पुलिस हिरासत में इस हत्या ने राजस्थान पुलिस की सक्रियता और ताकत पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है राजस्थान में कमांडो इस दल के साथ होने के बाद कमांडो बिना गोली चलाए मर दिया जाए यह पुलिस और क्मानादो की काबलियत पर प्रश्न चिन्ह हे और जो अपराधी खूंखार हो पुलिस हिरासत में हत्या का आरोपी हो और हजारों गेंगेस्टर जिसकी जान के दुश्मन हों उसकी इस लापरवाही भरी सुरक्षा के चलते हत्या कर देना दो पुलिस कर्मियों के शहीद होजाने की घटना पुलिस प्रशासन की कहीं न कहीं पुलिस की लापरवाही दर्शाता है . पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है लेकिन अपराधियों की धरपकड़ और नाकेबंदी के नाम पर अभी पुलिस बगलें झाँक रही है .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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