मिर्गी के दोरे से पीड़ित एक युवक दिनेश जाटव जो चलती मोटर साइकल से गिरकर बेहोश हो गया जिसे पुलिस ने नहीं उठाया और उसकी मोटर साइकल ,पर्स,मोबाइल लेकर चल दिए .
युवक का आरोप हे के जब उसे होश आया तो वोह उठा थाने गया वहां से मोटर साइकल कागज़ दिखा कर प्राप्त की और फिर मोबाईल ,पर्स और पर्स में रखे आठ सो रूपये मांगे तो पुलिस देने से इंकार कर दिया , युवक दिनेश जाटव ने सोचा चलो थाने वाले बेईमानी कर रहे हें उसकी सुनवाई नहीं कर रहे तो उठो एस पी से शिकायत करते हें , गृह मंत्री के इस गृह जिले में बेचारा पीड़ित युवक एस पी कार्यालय जा पहुंचा जहां उसकी सुनवाई नहीं हुई और जब उसे लगा के उसकी सुनवाई नहीं होगी तो वोह निराशावादी हो गया और एस पी कार्यालय के बहर मुख्य सड़क पर ही उसने तेल छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास किया जिसे बढ़ी मुश्किलों में रोका गया .
एक युवक द्वारा एस पी कार्यालय के बाहर फरियाद नहीं सुनने के मामले को लेकर यह कोटा में पहला कृत्य हे जबकि कोटा में एसपी कार्यालय में परिवाद दर्ज कर सुनवाई की व्यवस्था की गयी हे लेकिन इस घटना से पुलिस को फरियादियों की सुनवाई और उनकी शिकायतों के निराकरण के तोर तरीके तो बदलना ही होंगे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
अमानवीयता और नृशंसता का इससे बढ़ कर घातक दुष्परिणाम और भला क्या हो सकता है....
जवाब देंहटाएं