हमारे देश में जन गणना के नाम पर हव्वा खड़ा किया पुरे एक साल के अभियान और महीनों संसद में बहस के बाद इस काम के पूरा होने पर तसल्ली हुई के हमारे देश की जनता की व्रद्धी अब सामान्य होती जा आरही हे कुल १२१ करोड़ लोग इस देश में हें जिनमे महिलाओं की कमी आई हे .
देश की इस जन गणना पर करोड़ों करोड़ रूपये खर्च हुए राजनीति हुई और फिर अब इस जनगणना के बाद हर योजना, विधानसभा,वार्ड,पंचायत,लोकसभा का पुनर्गठन होना हे योजनाओं का आकर नई जनगणना को आधार बना कर तय्यार करना हे खेर लिंग,जाती,धर्म सभी आधारों पर यह जनगणना हुई हे लेकिन हकीक़त यह हे के अगर इस जनगणना के आधार पर आरक्षण की पुनर्समीक्षा की जाये तो देश में बदलाव आ जाएगा देश के साक्षर ,निरक्षर ,महिला ,पुरुष,शहरी ग्रामीण लोगों का तो क्या कहना राजस्थान में भी हालत जस के तस हें यहाँ महिलाओं का साक्षर प्रतिशन अपेक्षाक्रत बहुत कम हे महिलाओं को जन्म नहीं दिया जा अर्ह हे इस कारण यहाँ अपेक्षाक्रत महिलाओं की संख्या कम हे . अब देश में नई जनगणना से देश को नई दिशा देने के लियें नई योजनायें तय्यार करने की जरूरतें आन पढ़ी हें . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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