यह हालात
इस देश के
लगता नहीं
यह देश
कभी
अंग्रेजों की
गुलामी से
लड़कर आज़ाद
हुआ होगा
अब तो लगता हे
गूंगे ,बहरे ,लूले लंगड़े ही लोग
बसते हें बस
यहाँ
इसीलियें तो
ना इन्हें कुछ दिखता हे
ना यह कुछ सुनते हें
ना यह बोलते हें
ना यह चलते हें
ना यह हाथ उठाते हें
कोन कहता हे
यह वही देश हे
जो अंग्रेजों की आज़ादी से
हिन्दुस्तान हुआ होगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 मार्च 2011
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हम आज भी गुलाम है सही कहा आपने क्योंकि हमको गुलामी करना अच्छा लगता है
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