मेने
हर जगह
सिर्फ
तेरा नाम
लिखा हे
फिर ऐसा क्या हुआ
जो तुझे
मेरे साथ
तेरा नाम नहीं
दिखा हे ,
तुझे बता दूँ
एक बार तो
मेने तेरा नाम
रेत पर लिखा था
जिसे आँधियों ने
उढ़ा दिया ,
तेरा नाम
फिर हवा पर लिखा
जो तुझे
ना जाने क्यूँ नहीं दिखा
अब फिर मेने
तेरा नाम
पानी पर लिख दिया हे
यह नाम भी
तूने लहरों में
बहा दिया हे
अब बता
तेरा नाम
कहाँ लिखूं
एक दिल हे
यहाँ तो बस
खुदा का नाम लिखा हे ........ . . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
bahut hi achhi rachna
जवाब देंहटाएंआपकी अनुमति के अनुसार आपकी उपरोक्त रचना का संपादन किया है. सिर्फ शब्दों का उच्चारण ठीक किया है. आपके व्यक्त भावों का संपादन की अनुमति नहीं है. फिर हर व्यक्ति के विभिन्न-विभिन्न विचारधारा होती है.
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आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं # निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
तेरा नाम लिखा है
मैंने हर जगह सिर्फ तेरा नाम लिखा है
फिर ऐसा क्या हुआ जो तुझे मेरे साथ
तेरा नाम नहीं दिखा है,तुझे बता दूँ
एक बार तो मैंने तेरा नाम
रेत पर लिखा था
जिसे आँधियों ने उड़ा दिया,
तेरा नाम फिर हवा पर लिखा
जो तुझे ना जाने क्यूँ नहीं दिखा
अब फिर मैंने तेरा नाम
पानी पर लिख दिया है
यह नाम भी तूने लहरों में बहा दिया है
अब बता तेरा नाम कहाँ लिखूं
एक दिल हे यहाँ तो बस
खुदा का नाम लिखा है ........
-अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
बहुत प्यारी रचना...
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