दोस्तों यह हमारी राजस्थान की सरकार हे यहाँ बजट वर्ष २०१० में पेश किया गया कोटा में उपभोक्ता फ़ोरम की राज्य स्तरीय सर्किट बेंच की बात की गयी और कोटा में एक किराया अधिकरण की अपील न्यायालय खोलने का प्रावधान रखा गया लेकिन यह क्या यहाँ तो साल निकल गया दोनों ही नदारद हे ।
यह सरकार की लेट लतीफी हे या जनता के प्रति उपेक्षा फिर उस शहर में जहां के एम एल ऐ विधि मंत्री हे यहाँ वकीलों ने उपभोक्ता सर्किट बेंच की मांग को लेकर अपना खून पसीना भाया हे और इसीलियें २०१० के बजट में प्रावधान रखा गया यहाँ किराया अधिकरण की अपील न्यायालय के आदेश हुए लेकिन यह क्या वकीलों के इतने अकड़ने के बाद भी सरकार से वोह कुछ नही ले सके सरकार ने तो वकीलों और हाडोती की जनता को अंगूठा दिखा दिया हे वकीलों के दबाव में डर के मारे कोटा में उपभोक्ता फ़ोरम की बेंच का उद्घाटन तो किया लेकिन यह बेंच ने सुनवाई अब तक शुरू नहीं की हे अब घोषणा की गयी हे के सुवाई अप्रैल में यानि २०१० के बजट स्वीक्रति का काम २०११ के वित्तीय वर्ष में शुरू होगा और वोह भी कन्फर्म नहीं हे इधर किराया अधिकरण की अपील न्यायालय तो बस बजट कहा गया सरकार कहा गयी या कोन कहा गया कुछ पता ही नहीं चल रहा हे तो दोस्तों ऐसी हे हमारी राजस्थान सरकार जो बजट की घोषणाओं को भी वक्त पर पूरा नहीं करती हे और विपक्ष इस पर सवाल नहीं उठता हे जनता विरोध नहीं करती हे वकील विरोध करते हें तो सरकार उनको अंगूठा दिखा देती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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