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18 मार्च 2011

राजस्थान में पहले मोत और अब होली की सियासत

दोस्तों यह राजस्थान हे  पहले कभी रेगिस्तान फिर राजाओं का स्थान बने इस राजस्थान में इन दिनों मोतों पर राजनीति हो रही हे और अब तुयोहरों के नाम पर भी राजनीति ने चरित्र की गिरावट की पराकाष्ठा पार कर ली हे .
राजस्थान जहां आन बान शान के तेवरों की वजह से इसकी पहचाना हे इसी राजस्थान में सवाई माधोपुर में एक नोजवान कानून व्यवस्था की मांग और अपराधियों को पकड़ने की मांग करता हे और फिर आत्मदाह की चेतावनी एक निश्चित वक्त तय कर खुले आम देता हे सरकार कुछ नहीं करती नियत दिन पर यह नोज्वना टंकी पर चढ़ता हे खुद को आग लगाता हे और नीचे कूद जाता हे , एक पुलिस अधिकारी फुल मोहम्मद भीड़ की नाराज़गी की प्रवाह किये बगेर इस नोजवान को बचाने के लियें आक्रोशित भीड़ में कूद जाता हे खुद के पास रिवोल्वर होने के बाद भी रिवोल्वर से खुद का बचाव करने की जगह आग से झुलसे नोजवान को बचाने को इहली प्राथमिकता देता हे और फिर उसकी आग बुझाने के पहले ही जनता उसे पत्थर से घायल कर जिप में ही जिंदा जला डालती हे . राजस्थान कलंकित हो जाता हे सरकार शर्मसार नहीं होती विपक्ष आहत नहीं होता विधानसभा में इस मसले पर राजनीति केवल राजनीति होती हे विधान  सभा के बाहर सभी धर्म सभी वर्ग के लोग इसे राजनीति का रंग देते हें . 
कोंग्रेस में सरकार के मुखिया इस घटना और खुद के गृह जिले में प्रसुताओं की मोत को इस घटना से जोड़ के राजनीतिक घोषणा करते हे के इन घटनाओं से वोह सदमे में हें इसलियें होली नहीं मनाएंगे येह्ख्बर टी वी रिपोर्टरों के माध्यम से भाजपा की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार विपक्ष की नेता वसुंधरा सिंधिया तक पहुंचती हे तो वोह भी अपने राजनितिक सलाहकारों के इशारे पर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का नाम लेकर इस साल होली नहीं बनाने का एलान करती हें , तो दोस्तों यह राजस्थान हे यहाँ त्योहारों को भी राजनितिक रंग दिया जाने लगा हे किसी भी त्यौहार को मनाना नहीं मनाना एक अलग बात हे लेकिन जो घटना घटी हे अगर उससे सबक लेकर कोई सख्त कार्यवाही की जाये तो ही घटना के मामले में प्रायश्चित कहा जा सकता हे वरना यह नोटंकी होली नही मनाएंगे जनता को बेवकूफ बनाने के फार्मूले के आलावा और कुछ नही हे इसलियें भाई हमारी तरफ से तो एक बार फिर सभी को होली मुबारक हो ................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. Follower banne ke liye Thanks
    lekin
    बच्चों को मारना पीटना गलत बात है .
    आप लोग बच्चों को मारना कब छोड़ेंगे ?

    जवाब देंहटाएं

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