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30 मार्च 2011

नया विक्रमसंवत नया साल ४ से मुबारक हो

विश्व हिन्दू विचारधारा के तहत विश्व के सबसे प्राचीन सभ्यता वाले धर्म हिन्दू धर्म नहीं सनातन धर्म का नया साल ४ अप्रैल से शुरू होने जा रहा हे इस अवसर पर सभी हिन्दुस्तानियों को मुबारकबाद . 
दोस्तों हम अंग्रेजी संस्क्रती में इतने रच बस गये हें के हमारी खुद की पहचान खुद की संस्क्रती को ही हम भूते जा रहे हें और यही वजह हे के हम हमारे त्यौहार ,रस्मो रिवाज,रिश्ते नातों को भुलाकर पाश्चात्य संस्क्रती की तरफ भाग रहे हें और इसका असर हेप्पी निव इयर,वेलेंटाइन डे सहित कई अवसरों पर देखा जा सकता हे ,लेकिन मीडिया और धर्मप्रेमी लोग भी इसके लियें ज़िम्मेदार हे पहले कार्ड बेचने वाले इन अंग्रेजी अवसरों को हवा देते थे अब मोबाईल मेसेज के व्यवसायी इन अवसरों को हवा दे रहे हें अंग्रेजी  संस्क्रती हो सकता हे हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जोडती हो लेकिन हमारी संस्क्रती हमें खुद हमसे हमारे अपनों से हमारे पूर्वजों से हमारी मिटटी से जोडती हे इसलियें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुद को स्थापित करने के साथ साथ हमें हमारी इस संस्क्रती की सुरक्षा भी करना होगी और हमारे वार ,त्यौहार,हमारे रस्मो रिवाज जो मानवीय हें जो भाई चारा और सद्भावना का संदेश देते हें उनको तो हमें जिंदा रखना ही होगा और इसमें सबसे प्रमुख हे हमारे देश हमारी हिन्दू संस्क्रती का नया साल नया विक्रम संवत मेरा मानना हे के अगर न्यायालयों में क्रषि वर्ष के रूप में इस संवत को नहीं रखा जाता तो अब तक हमारे देश को लोग संवत क्या होता हे इतिहास बना लेते लेकिन देर से ही सही जागे जब सवेरा अब हमारा देश इस मामले में जाग चूका हे और हमारी संस्क्रती के हमारे आधुनिक नोजवानों को पहचान कराने लगा हे कई लोग इस पहचान कराने वाली ताकतों को कट्टर पंथी कह कर आलोचना करते हों लेकिन अपने धर्म , अपनी सभ्यता अपनी पहचान को बनाये रखने की कोशिश और उसे प्रचारित करने का प्रयास अगर कट्टरपंथी कहा जाता हे तो में ऐसे कट्टर पंथियों को जो किसी भी धर्म से जुड़े हों उन्हें नमन करता हूँ उनका स्वागत करता हूँ . 
४ अप्रैल २०११ अंग्रेजी की तारीख अंग्रेजी का वर्ष हे लेकिन इस दिन हमारे देश की संस्क्रती का नया साल विक्रम संवत २०६८ का आगाज़ हो जाएगा इस पहचान को जिंदा रखने और इसे प्रचारित करने के लियें देश भर में समितियों का गठन किया गया हे और कोटा में भी विश्व हिन्दू परिषद और आर एस एस ने इसे प्रचारित करने के लियें समितियों का गठन किया हे और कल से कार्यक्रम शुरू हो जायेंगे दोस्तों हमारी पहचान हमारा इतिहास अगर ज़िंदा रखें के लियें आर एस एस या विश्व हिन्दू परिषद या कोई भी मुस्लिम हिन्दू कट्टर पंथी सन्गठन आगे आता हे तो उस प्रचार प्रसार की हद तक जिससे देश की सुख शान्ति को खतरा ना हो स्वीकार कर स्वागत करना चाहिए इसलियें नया विक्रम संवत मुबारक हो . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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