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30 मार्च 2011

में क्या दे सकता हूँ कलाम का अभियान ..............

हमारे देश को मिसाइल देने वाले .बच्चों को प्यार देना सिखाने वाले .राष्ट्रपति पद का मर्यादित आचरण देने वाले राष्ट्रवादी लोह पुरुष ऐ पी जे अब्दुल कलाम अब देश के युवाओं से कुछ मांगने के लियें निकलना चाहते हें और खुदा कलाम को इस अभियान में कामयाब करे इसकी दुआ हमे सभी को करना होगी . 
हमारे देश में एक दुसरे की आलोचना, भूख और गरीबी,आरोप प्रत्यारोप,प्रतिस्पर्धा के इस दोर में आने वाले भारत की निर्माता युवा पीढ़ी थक गयी हे निराश और हताश हो गयी हे वोह निराशावाद की तरफ जा रही हे हालत यह हें के युवा वर्ग अभी आत्मनिर्भर होने के बारे में सोच नहीं पा रहा हे वोह देश के लियें अपने देश वासियों के लियें क्या कर सकता हे और उसे क्या करना चाहिए सोच नहीं पा रहा हे हालत यह हें के हारा थका नो जवान या तो नशे में डूब रहा हे या फिर सामजिक विकार के चलते विनाश की तरफ बढ़ गया हे इतना ही नहीं निराशावाद के दोर में कई युवा आत्महत्या कर रहे हें जो लोग जो युवा कामयाब हें उनके लियें देश और देशवासी कुछ अहमियत नहीं रखते हें वोह तो बस रूपये कमाने की मशीन हे और इस देश में पल बढ़ कर पढने लिखने  वाले नोजवान यहाँ का खाकर यहाँ का पानी पीकर जब किसी लायक बनते हें और अपने पेरों पर खड़े होते हें तो माय इंडिया का नारा देने वाले यही नोजवान थोड़े से लालच के लियें अपने वतन अपने बुजुर्गों अपने रिश्तों को छोड़कर अमेरिका या विदेश के किसी दुसरे कोने में चले जाते हें हमारा देश एक अच्छे डॉक्टर ,एक अच्छे इंजीनियर एक अच्छे वैज्ञानिक पैदा करने वाली फेक्ट्री तो बन गया हे लेकिन लालची और देश के प्रति प्रेम आस्था समाप्त होने की नोजवान प्रवर्ती के कारण यहाँ जन्मी प्रतिभाओं का लाभ हमारे देश के बदले विदेशियों को मिल रहा हे . 
देश के नोजवानों की यह सोच यह विचार बदलने के लियें पूर्व राष्ट्रपति बच्चों के रखवाले मिसाइल में ऐ पी जे अब्दुल कलाम ने एक मनोवेग्यानिक तरीका अपनाने की योजना बनाई हे ऐ पी जे अब्दुल कलाम अब शीघ्र ही देश भर में एक यात्रा के नाम पर देश के नोजवानों को एक संदेश एक विचार देंगे के इस देश से कामयाबी लेने वाले नोजवान इस देश को क्या दे रहे हे और हर नोजवान के दिल में कलाम एक जज्बा एक सोच भर देना चाहते हें के हर नोजवान इस देश के लियें कीमती हे और वोह इस देश को कुछ ना कुछ दे सकता हे इसीलियें इस अभियान का नाम कलम ने .........में क्या दे सकता हूँ .....रखा हे कलाम का यह अभियान नोजवानों में देश प्रेम की सोच देश के लियें समर्पण की सोच हर बार मांगते रहने की आदत बदल कर देने की सोच बनाने का प्रयास हे जो अगर सभी देशवासियों ने मदद कर सफल कर दिया देश के नोजवानों की सोच बदल दी तो देश में आने वाला कल ऐसे नागरिकों से भरा होगा जो माय इंडिया का सपना साकार करने के लियें समर्पित नागरिकों से भरा होगा ................................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. बहुत बढ़िया आलेख... खुदा करे की कलाम साहब का यह प्रयास सफल हो.... आमीन!

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