जी हाँ दोस्तों यह पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री जनाब युसूफ रजा गिलानी जी हें जिन्हें भारत का अतिथि सत्कार खेल का भाव और अपनापन देख कर भी अपनी काली करतूतों पर जरा भी आत्म्गिलानी नहीं हे वेसे तो हमारे जवानों ने उह्नें और उनके देश उनके खिलाड़ियों को एक सबक ऐसा दिया हे जिसे उन्हें पढ़कर अपनी गलतियाँ सुधारना चाहिए लेकिन गिलानी हें के उन्हें उनके देश की करतूतों पर अभी भी आत्मगिलानी नहीं हे .
माहोली क्रिकेट कहने को तो क्रिकेट था लेकिन भारत के खिलाड़ियों का जोश इस बात को साफ़ कर रहा था के वोह इस खेल को एक जंग एक लड़ाई और भारत की प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लियें लढ़ रहे हें इन क्रिकेट नो जवानों ने सीमापार सुरक्षा करने वाले जवानों की तरह ही मेरी इस देश की रक्षा की हे नाम रोशन किया हे और इनके इस खेल से ही आज मेरा मेरे देश का सर गर्व से ऊँचा हुआ हे मेरे देश का सीना जो पाकिस्तानी छलनी कर देना चाहते हें आज उनके सामने ही मेरे इस देश का सीना गर्व से चोडा हो गया हे .और मेरे देश के इन क्रिकेट नोजवानों की कड़ी महंत और जांबाज़ खेल के कारण ही कल रात से खुशियों से झूम उठा हे मेरा हिन्दुस्तान इसके लियें देश और देश के क्रिकेट विजेताओं को मुबारकबाद .
दोस्तों यह तो हुई क्रिकेट की बात लेकिन पकिस्तान से भारत की बातचीत हिसाब किताब क्रिकेट तक ही सीमित नहीं हे सारा विश्व जानता हे के एक अमन पसंद भारत खुशहाल हिन्दुस्तान को यह पकिस्तान अपने नापाक इरादों से केसे परेशान करता रहा हे , सीमा पर से आतंकवादियों को प्रशिक्षण देकर भारत में भेजना यहाँ कश्मीर विवाद को भडकाना यहाँ के देशवासियों के सुख चेन को आतंकी हमलों से बर्बाद करने का प्रयास करना यह सब पकिस्तान के एजेंडे में शामिल रहा हे और हमारा भारत हमारा हिन्दुस्तान हर गाली हर गोली का जवाब फूलों से मुस्कुराहटों से देता रहा हे , मुशर्रफ की भारत में आव भगत से लेकर कल गिलानी की आवभगत तक हमने बता दिया हे के हम महान हे दुश्मन देश जो हमारे देश के खिलाफ हे वोह भी अगर हमारे देश में आता हे तो उसके साथ दुश्मन की तरह नहीं दोस्त की तरह व्यवहार किया जाता हे , लेकिन पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए के उदारता ,महमान नवाजी कोई कमजोरी नहीं और आज भी हम और हमारा देश इतना सक्षम हे के पाक के हर नापाक इरादे का जवाब इस क्रिकेट जंग की तरह उन्हीं के घर में घुस कर दे सकते हें और १९७१ में हम पाकिस्तान को सबक भी सिखा चुके हे उसके बाद कारगिल में पकिस्तान को धुल चटा चुके हे और अभी भी हम पाकिस्तान की हर हरकत का मुंह तोड़ जवाब देने में सक्षम हे इन सब बातों और अपनी गलतियों को याद करने के बाद भी जब पकिस्तान के गिलानी को यहाँ सम्मान मिला तब भी उन्हें अपने किये पर पछतावा अपने किये पर आत्म्गिलानी नहीं हुई शेम शेम शेम ....... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
बहुत खूब लिखा है। आत्मग्लानि तब होती है जब किसी में आत्मसम्मान और जमीर शेष हो।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, इनकी राजनीति भारत से तकरार पर ही जिंदा है।
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