पाकिस्तान अगर सारी कूटनीतियाँ फेल होने के बाद अगर भारत के सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय आदेश मानकर २७ साल से बंद एक आरोपी को छोड़ देता हे तो यह पाकिस्तान की कोई चाल ही कही जा सकती हे उससे भारत को खुश होने की जरूरत नहीं बलके इससे सावधान रहने की जरूरत हे.
विश्व में इन दिनों जो घटनाचक्र चल रहे हें पकिस्तान ने अमेरिका के राजदूत को गिरफ्तार कर जेल भेजा हे और अमेरिका की मिन्नतों के बाद भी उसे बिना न्यायिक फेसले के नहीं छोड़ा हे ऐसे में पाकिस्तान अमेरिका के निशाने पर हे उसे जनरल मुशर्रफ को मिर्त्यु दंड देना हे और भी उसे भारत से कई सुरक्षात्मक वायदों की जरूरत हे इसीलियें उसने यह कदम विश्व में एक संदेश देने के लियें उठाया हे जो एक कुटनीतिक चाल हे.
पाकिस्तान में २७ साल से एक आरोपी गोपाल दस बंद हे उसे वहां की अदालत ने सज़ा दी हे लेकिन भारत और पाक में इस आरोपी को छुडवाने को लेकर काफी कुटनीतिक प्रयास हुए जो असफल हो गये , आखिर केडी गोपाल के परिजनों ने बिना किसी विधिक प्रावधान के भारत की अदालत सुप्रीमकोर्ट में इस मामले में एक याचिका पेश की जहां जजों ने कहा के हम पकिस्तान सरकार को कोई निर्देश आदेश नहीं दे सकते लेकिन हम एक मानवीयता की अपील पाकिस्तान से जरुर करते हें के वोह सभी परिस्थतियों को देखते हुए भारत के नागरिक केदी को छोड़ दे . पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री आसफ ज़रदारी ने भारत के सुप्रीम कोर्ट की इस अपील को स्वीकार किया और गोपालदास आरोपी को छोड़ दिया . भारत खुद भारत की सुप्रीम कोर्ट के हजारों ऐसे आदेश हें जिनकी पलना नहीं कर पाया हे और पाकिस्तान जो भारत के सुप्रीम कोर्ट की कोई अपील कोई आदेश मानने के लियें बाध्य नहीं हे अगर वोह उसके सम्मान में कोई आदेश जारी करता हे तो फिर तो यही समझना होगा के पर्दे के पीछे दाल में कुछ काला हे का खेल चल रहा हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
भंडाफोड़ू का किरदार देखो भाई.. उम्मत ऐसी तो नबी कैसे रहे होंगे। हा हा टाइप करो भंडाफोड़ू गूगल सर्च
जवाब देंहटाएंअख्तर खान अकेला जी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति व् सार्थक प्रयास आप का लिखते रहिये -आप के ब्लॉग पर आ अच्छा लगा बधाई हो
जवाब देंहटाएंसुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५