फास्ट ट्रेक कोर्ट के बंद होने से न्याय को धक्का लगा हे और केंद्र सरकार के विधि विभाग द्वारा राजस्थान में संचालित ४० फास्ट ट्रेक कोर्टों को बजट नहीं दिया हे इस करने राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट की सहमती लेकर इन फास्ट ट्रेक कोर्ट को बंद करने का आज से ही एलान कर डाला हे .
राजस्थान में और पुरे देश में निरंतर बढ़ रहे मुकदमे बाज़ी और मुक़दमों की सुनवाई में लेटलतीफी के कर्ण केंद्र ने फास्ट ट्रेक कोर्टों को अस्थायी रूप से गठित किया था अलेकिन इन कोर्टों के गठन में ऐ डी जे स्तर के अधिकारियों के स्थान पर वरिष्ट मुख न्यायिक मजिस्ट्रेटों को तदर्थ नियुक्ति दे डाली इस कारण कई बार मामलों के निस्तारण में परेशानी आई हद यह रही के जिन अधिकारियों को राजथान में एडी जे फास्ट ट्रेक बनाकर लगा दिया था उन अधिकारियों ने जब हाईकोर्ट में खुद को ऐ डी जे बनाने के लिए रेगुलर परीक्षा दी तो उन्हें फेल कर दिया गया अब देखो एक तरफ तो हाई कोर्ट इन अधिकारियों को ऐ डी जे के लायक नहीं मन कर फेल कर रहे हें और दूसरी तरफ इन्हीं अधिकारियों से ऐ डी जे kaa कम लिया जा रहा हे वेसे भी राजस्थान में जजों और मजिस्ट्रेटों की कमी हे अब इन अधिकारियों को दुसरे न्यायालयों में खपाया जा सकता हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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