राष्ट्रपिता गांधी पर राजनीति तेज़ हो गयी हे गांधीनगर गुजरात में मोदी ने गाँधी को अपमानित करने वाली किताब को गुजरात में पाबन्द कर गांधीवादी होने का साबित कर दिया हे और इससे कोंग्रेसी परेशान हें उनका मानना हे कोंग्रेस शासित राज्यों में ऐसा नहीं होने से मोदी को गाँधी के विषय पर मुशायरा लुटने वाला हीरो लोग मानने लगे हें .
पिछले दिनों गांधी को अपमानित करने वाली एक मनमानी सोच पर आधारित पुस्तक का प्रकाशन हुआ हे जिसमे गांधी की संस्मरण जता कर गाँधी पर कुछ आरोप लगाये गये हें जो अपमानकारी हे इसीलियें गुजरात सरकार ने इस किताब को प्रतिबंधित कर दिया और देखते ही जब्त करने तथा बेचने वाले को दंडित करने के आदेश दिए हें . इधर कोंग्रेस की केन्द्रीय सरकार गाँधी विचारधारा को प्रचारित करने के लियें गाँधी के नाम पर यूनिवर्सिटी से लेकर कोंग्रेस संगठन और सरकार के बजट में से करोड़ों करोड़ रूपये खर्च कर चुका हे लेकिन गाँधी विचारधारा को लागू नहीं कर पाए हें हालत यह हें के सरकारी दफ्तरों अदालतों थानों में जहां गाँधी के फोटू को लगाया जाना एक कानून हे और इस कानून के बाद भी राजस्थान और कई स्थानों पर गाँधी की तस्वीर सरकारी दफ्तरों कलेक्ट्रेट वगेरा से गायब हो गयी हे लेकिन मोदी के चेतते ही केंद्र सरकार ने गांधी को अपमानित करने पर ऐसे व्यक्ति को दंडित करने का कानून बनाने का मन बनाया हे जो अभी कागजों में ही चल रहा हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सत्य की खोज करने वाले गांधीजी के बारे में पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना तो उचित नही है । हम ये क्यूं भूल जाते हैं कि हम सब इन्सान हैं भगवान नही ।
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