जाट आन्दोलन में दो सप्ताह से देश की जनता परेशान थी सरकार खामोश थी जाटों की दादागिरी और रेलें बंद सरकार के लियें वोटों की मजबूरी और वोह खामोश ऐसे में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर सरकार को जाट आन्दोलन से जनता को मुक्ति दिलाने का अहसास दिला दिया.
राजस्थान में गुर्जरों के आन्दोलन के बाद देश में रेल रोककर जनता को परेशान करने और सरकार को ब्लेक मेल करने का तरीका शुरू हो गया हे हालत यह हे के कई मरीज़ इन आन्दोलन के चलते इलाज के आभाव में मरे गये हे हजारों बच्चों की परीक्षाएं रद्द हो गयी हे कई बिछड़े अपनों से नहीं मिल पाए हें और हालत बिगड़ने के बाद कई लोग तो आवश्यक वस्तुओं से भी महरूम हो गये हे बस इसीलियें हाईकोर्ट को इस मामले में आदेश जरी करना पढ़ा और जाट दो कदम पीछे हटे हे लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं हे अगर कोई मांग अगर कोई चुनावी वायदा हे तो उसे पूरा करना चाहिए और अगर कोई चुनावी वायदा करने में अक्षम हे तो ऐसी सरकार को हटा देना चाहिए लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम में ऐसा प्रावधान होना चाहिए ऐसा संशोधन होना चाहिए के ढाई वर्षों में अगर कोई सरकार अपने चुनावी एजेंडे को पूरा नहीं करती हे तो उस पार्टी के चुनाव आयोग से मान्यता रद्द कर उस सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए ताकि नेता और पार्टियां जनता को बेवकूफ बनाना छोड़े और अपनी जिम्मेदारियां समझें लेकिन कानून जनता नहीं नेता ही बनाते हें इसलियें वोह अपने फायदे के कानून बना रहे हें इस मामले में सभी ब्लोगर अगर एक राय होकर सरकार और राष्ट्रपति महोदय पर दबाव बनाये तो इंशा अल्लाह इस कानून को राष्ट्र हित में लागू करवाया जा सकता हे क्या ऐसा हो सकेगा . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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