मेने सोचा
कल में भी
खेलूँगा होली
बस
इसीलियें
छुट्टी लेकर
गया में अपने घर
पहुंचा जब
में अपने घर
देखता हूँ
घर में
पत्नी मेरी
मेरे यूँ अचानक घर जाने से
गुस्से में
लाल पीली हो रही हे
कभी सफेद
तो कभी काली हो रही हे
बस
यही हुई हे मेरी होली ही /
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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