आज हम
यह
खाना निकल आये
प्यार के रिश्तों से
कोसों दूर
जंगल में
चले आये
जहाँ ना धडकता हे
ना आती हे
दिल की कोई आवाज़
देख लो
तुम्हारी याद से बचने को
कहां कितनी दूर
चले आये हम
लेकिन
यह क्या हुआ
सारी दुरिया
सारी अडचने
पार कर इस हें
तुम्हारी यादों ने
और तुम हो
इतनी कोशिशों के बाद भी
एक बार फिर से
हमारे दिल को दुखाने
चले आए हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 फ़रवरी 2011
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इतनी कोशिशों के बाद भी
जवाब देंहटाएंएक बार फिर से
हमारे दिल को दुखाने
चले आए हो ।
sunder ehsas