जी हाँ दोस्तों आज एक बार फिर हमारा देश गिनीज़ रिकोर्ड में दर्ज होने लायक हो गया हे एक विशाल विकास शील देश एक परमाणु शक्ति जिसके पास परमाणु बम का रिमोट कंट्रोल हे आज वही प्रधानमन्त्री खुद को मजबूर और लाचार बता रहा हे और अब तक उनके काल में जो कुछ भी हुआ उससे खुद को बेदाग़ बताने की कोशिश कर रहा हे ।
जी हाँ दोस्तों कभी इन प्रधानमन्त्री पद पर बेठे मनमोहन जी में लोग नेतिकता होना मानते थे लेकिन आज जिस हालत में यह जनाब मीडिया से मुखातिब हुए हें खुद को लाचार बेबस मजबूर बताया हे और गठ्बन्धन सरकार की कुछ मजबूरियां होना स्वीकार की ।
विश्व में ऐसे प्रधानमन्त्री जो देश को लुटता हुआ देख रहे हें देश में जो कुछ भी हो रहा हे उसके खुद ज़िम्मेदार हे देश के मंत्री जो कुछ भी करते हें पहले उनका बचाव करते हें फिर जब विरोध होता हे तो कार्यवाही करते हें अपनी गलतियाँ मानते हें लेकिन पद नहीं छोड़ते पहले जे पीसी से इनकार करते हें और फिर जे पि सी के लियें तय्यार हो जाते हें ।
ऐसे लाचार बेबस प्रधानमन्त्री अगर कुछ और वक्त रहे तो इस देश का हाल क्या होगा दोस्तों तुम और हम अब देश की स्थिति को समझे इस देश को मजबूर बेबस लापरवाह लोगों से बचाने के लियें मुहीम चलाये तब कहीं यह देश बच सकेगा ॥ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 फ़रवरी 2011
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किसी ने इसे जबर्दस्ती बिठाया था? अब तक चुप क्यो बेठा? जब देश का बेडा गर्क हो गया तो अपना पल्लू झाड कर केसे जा सकता हे? अब अगर सच मे ईमान दारी दिखानी हे तो इस सोनिया ओर इन के गुट को जिन्होने देश लूटा हे नंगा करो तभी पाप धुलेगे, वर्ना कोयेले की दलाली मे तो .....
जवाब देंहटाएंभाटिया साहब से सहमत, मजबूरी का मतलब यह नहीं कि तुम देश को भ्रष्टाचार के दलदल में झोंक दो !
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