आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

09 फ़रवरी 2011

आरुषी उसके माता पिता और अदालत ............

नोएडा की आरुशी जिसकी रहस्यमयी हत्या हो गयी उसकी हत्या के जुर्म में उसके पिता को पकड़ा गया फिर नोकरों को पकड़ा फिर जमानत हुई और एक लम्बी जांच के बाद केस बंद । सी बी आई ने अदालत में मामले को बंद करने की रिपोर्ट पेश कर दी सी बी आई की यह रिपोर्ट शरमाक थी मिड्या चिल्लाया जज साहब ने पत्रावली देखी और फिर म्रत्का आरुशी के माता के खिलाफ सबूत अख्त्ते किये उन्हें दोषी मान लिया गया ।
अपराध , अपराध मामलों की जांच , जांच में सी बी आई की नादानी , मिडिया का खुद जजमेंट देकर लोगों को दोषी करार देने की परम्परा और फिर अदालत का आदेश इन सब ने इस देश को सोचने पर मजबूर कर दिया हे यह कानून व्यवस्था हे अब फिर केस चलेगा जाँच होगी मामला हाईकोर्ट जाएगा समीक्षा होगी हो सकता हे हाई कोर्ट सुप्रीकोर्ट का इस मामले में सोचने का तरीका अलग हो वोह फिर से आरुषी के माता पिता के खिलाफ सबूत नहीं माने सबूत हों या ना हों लेकिन यह तो सच हे के उन्हें सजा मिलना तो ना मुमकिन हे , इन सब परिसिथितियों में एक बाद तो सामने आई हे के एक अदालत जो मामला समझती हे दूसरी अदालत उसे बदल देती हे तो कोई एक तो गलत होता हे इसलियें एक फेसला जो तकलीफ देह होता वोह बाद में दुसे जज के बरी के फेसले से ख़ुशी तो देता हे लेकिन उसका पुराना स्वाभिमान कोन लोटा सकता हे ऐसे में जो जज गलत हे जिस जज ने पत्रावली का सही अवलोकन किये बगेर आक्षेपित फेसला दे दिया हो उनके खिलाफ कार्यवाही तो होना ही चाहिए और जजों के निर्णयों के पलटने पर उनसे जवाबदारी तय होना जरूरी हे वरना एक अदालत से सजा दूसरी से बरी एक अदालत से बरी दूसरी से सजा इस खेल में जनता पिसती रहेगी और जजों की गुणवत्ता भी नहीं रहेगी इसलियें न्यायिक आयोग गठित कर इस मामले को भी देखे तो जनता को न्याय मिलेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. भाई, वे माँ-बाप निश्चित रूप से सजा पाने चाहिए। जो एक कमरे में सोते रहे और पास के कमरे में बेटी की हत्या हो गई। नौकर मारा गया लाश छत पर पहुँच गई फिर सबूत साफ हो गए। उन्हें कोई पता नहीं। ऐसे माँ-बाप को जीने का कोई हक है?
    बेटी को देखने वाले वे अंतिम व्यक्ति थे। बीच में कोई घर में घुसा नहीं। देखा जाना चाहिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य क्या कहते हैं?

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...