उत्तर प्रदेश के बरेली सहित दुसरे जिलों में कल बेरोजगारों की म़ोत के बाद मचाये गये उत्पात से केंद्र या राज्य सरकार ने कोई सीख नहीं ली हे हालत यह हें के इतने बढ़े हादसे के बाद भी केंद्र और उत्तर प्रदेश राज्य एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हें ।
उत्तर प्रदेश के बरेली में कल आई टी बी पी की परीक्षा होना थी पद गिनती के ४०० और बेरोजगार उम्मीदवारों की संख्या लाखों में सरकार पहले से तय्यार नहीं नतीजन बेरोजगारों को ट्रेन को छतों पर विधि विरुद्ध तरीके से सफर करना पढ़ा ट्रेने चली और फिर अलग अलग दो स्थानों पर १५ लोगों की मोतें इन मोटों के बाद केंद्र और राज्य के बीच आरोप प्रत्यारोप और फिर बेरोजगार छात्रों का हंगामा तोड़ फोड़ ट्रेन में आग जनी सब एक तमाशा बन गयी अब ऐसे में बताओ मरने वालों के परिजनों का क्या कुसूर था , इसके पहले राजस्थान में सिपाही भर्ती परीक्षा में अजमेर में बढा हादसा हो चूका था फिर भी रेलवे ने और रेलवे सुक्ष पुलिस ने कोई सुद्ध नहीं ली ।
देश में बेरोज़गारी का यह आलम के एक अनार सो बीमार वाली कहावत अब बदल गयी हे यहाँ एक अनार हे तो लाखों बीमार हें सरकार इस व्यवस्था को जानती हे लेकिन इसके पहले किसी भी तरहे की कोई पूर्व सुरक्षा व्यवस्था नहीं करती हे और इन सभी मोतों के लियें सरकार सिर्फ सरकार ही ज़िम्मेदार हे केंद्र हो चाहे राज्य सरकार जो भी हादसा हुआ हे उसमें अब घर के बिछड़े लालों को तो वापस लाना सम्भव नहीं हे हाँ कुछ मुआवज़े से उनके अनसु पोंछ भी दिए तो क्या फायदा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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