यह मच्छर
जो अभी
मुझे
काट रहा हे
काट क्या रहा हे
मेरा खून चूस रहा हे
मुझे फिर भी
प्यारा हे
सिर्फ इसलियें
यही मच्छर तो हे
जो अभी
उनके लबों पर
बेठ कर आया हे
यही मच्छर तो हे
जिसने अभी उन्हें
सताया हे
एक मच्छर
इन्सान को
क्या क्या बना सकता हे
बस
इस मच्छर ने
उन्हें भी
यही बनाया हे
इसीलियें
इस मच्छर से
मुझे प्यार हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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