ये देश कहाँ जा रहा हे,
महंगाई बढती जा रही हे,
गरीब की थाली उसका मुंह चिढ़ा रही हे,
प्याज बिना काटे हि आंसू दिला रहा है,
शासन सिर्फ आश्वासन दिए जा रहा है.
और हमे,
शिला की जवानी,
और मुन्नी की बदनामी डर सता रहा है,
ये देश कहाँ जा रहा है.....
ताबूत के दलालों को सज़ा नही,
टू जी घोटाले का अता-पता नही,
अब बोफोर्स का जिन्न फिर से बाहर आ रहा हे,
और देश का प्रधान-मंत्री
जेपीसी जाँच से घबरा रहा है.
और हमें ,
शिला की जवानी........
अरुशी के गुनहगार कौन हे,
कोन बतायेगा?
जेसिका के हत्यारों को
सजा कोन दिलाएगा?
महिला विरुद्ध अपराधो में
मंत्रियों का नाम आ रहा हे,
कानून अपने आप में बेबस नजर आ रहा है,
और हमे,
शिला की ...............
...............इन्दर पाल सिंह ,"निडर"
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