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10 फ़रवरी 2011

कोंग्रेस में एक थे सच बोलने वाले अमीन खान

जी हाँ दोस्तों राजस्थान सरकार में वक्फ राज्य मंत्री जो कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय मंत्री सी पि जोशी के खासम ख़ास होने के कारण मंत्री बनाये गये थे आज वोह सिर्फ एक सच्चे बयान के कारण रुसवा कर बे आबरू हो कर निकाल दिए गये हें और उनका मंत्री पद छीन लिया गया हे ।
आप सभी जानते हें राजस्थान के इस मंत्री ने पाली जिले में जब कार्यकर्ताओं को वफादारी का पाठ पढाया तो इन्होने श्रीमती प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति महामहिम और स्वर्गीय इंदिरा जी के काल में उनकी खिदमत का किस्सा जो राष्ट्रपति चुनाव के दिनों मीडिया ने उछाला था और जिसका कोंग्रेस ने आज तक कभी भी किसी भी स्तर पर खंडन नहीं क्या हे वही किस्सा इन जनाब ने सुना डाला कोंग्रेस में आज भी सेकड़ों वफादारी के ऐसे किस्से हें जिन्हें जर्रे से आफ़ताब बनाया गया हे नाम गिनाने से कोई फायदा नहीं चमचागिरी चापलूसी कोंग्रेस की संस्क्रती रही हे और यही वजह हे के आज भी कई वर्ष गुजर जाने के बाद भी एकल परिवार का कोंग्रेस पर कब्जा हे , अमीन खान बेचारे क्या जाने के सक बोलने पर यही कोंग्रेस उनकी गर्दन पर छुरी रख डालेगी , दोस्तों कोंग्रेस का यह दोहरा किरदार अमीन खान का बयान कोंग्रेस ने कोंग्रेस संस्क्रती के खिलाफ अगर माना हे तो अमीन खान को कोंग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त करना चाहिए और अगर सरकार की मर्यादा के खिलाफ माना हे तो फिर सत्ता और संगठन के तालमेल के हिसाब से भी कोंग्रेस ने अमीन खान को मंत्री पद से हटाया हे तो फिर कोंग्रेस से भी हटाया जाए अगर अमीन खान गलत हें तो उन्हें कोंग्रेस में क्यूँ रख रखा हे यह दोहरी नीति कोंग्रेस क्यूँ कर रही हे सारा देश जानता हे ।
आप और हमें सभी को पता हे अभी पिछले दिनों राहुल गाँधी के खासम ख़ास अलवर के सांसद भंवर जितेन्द्र सिंह जी के दादा के खिलाफ अलवर कलेक्टर और प्रभारी मंत्री बृजकिशोर शर्मा के प्रबंधन में एक पुस्तिका निकाली गयी जिसमें भंवर जितेन्द्र सिंह जो राहुल गाँधी के खास सिपहसालार हें उनके दादा जी को अधिक्रत तोर पर गाँधी जी के हत्यारों में शामिल बता कर दंडित किया जाना बताया गया इस पुस्तक का विमोचन भी खुद मंत्री जी ब्रिज किशोर शर्मा ने ही किया तब करनी सेना ने राजपूतों का अपमान नहीं माना किसी राजपूत भाई ने ब्रिज किशोर की इस पुस्तिका का विरोध नहीं किया गान्धी की हत्या में संसद भंवर जितेन्द्र के दादा को बताने पर उनसे इस्तीफा नहीं माँगा गया जबकि खुद ब्रिज किशोर मंत्री जी ने इसे ऐतिहासिक तथ्य बताया था ऐसे में या तो जितेन्द्र सिंह को हटते या फिर ब्रिज किशोर शर्मा को हटाते लेकिन एक ब्राह्मण और एक राजपूत भला उनके तो सो खून माफ़ हें बेचारे अमीन खान तो गरीब की जोरू सबकी भाभी वाले समाज से जुड़े हें इसलियें उनको तो घर का रास्ता दिखाना ही था । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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