कोटा में और खासकर राजस्थान में अजब तमाशा हे यहाँ सरकार के अधिकारी कलेक्टर राजस्व कर्मचारी और निगम न्यास के अधिकारी पहले तो सरकारी ज़मीनों को चुप्पी की सांठ गाँठ कर बिकवाते हें फिर जब वर्षों तक लोग इन अतिक्रमण की जमीनों पर लाखों के आशियाने खड़े कर इसमें आकर बस जाते हें तब करोड़ों के इस तरह के निर्माणों को सरकार के निर्देशों पर आधिर रात को चोरों की तरह से तोड़ने की कार्यवाही होती हे कोटा में कई दिनों से कुछ ऐसा ही चल रहा हे राजथान में नियम हे के जिस अधिकारी या कर्मचारी के कार्य क्षेत्र में अवेध निर्माण या अतिक्रमण होगा तो उसके खिलाफ तुरंत कार्यवाही होगी यानी नये निर्माण और अतिक्रमण की सरकार को तुरंत जानकारी होना चाहिए और होती भी हे क्योंकि इलाके में थाना पुलिस बीट,पटवारी नगर निगम न्यास के पार्षद,प्रतिनिधि और पंच सरपंच ग्रामसेवक होते हें जिन्हें इलाके की हर घटना की खबर होती हे लेकिन वर्षों तक निर्माण हो जाने के बाद किसी का गाड़ी कमाई का लाखों का आशियाना अगर टूटेगा तो वोह तो मरने मारने पर आमादा होगा ही ।
कोटा में कल रावतभाटा रोड स्थित आंवली रोजड़ी गाँव में लगभग ३०० सर्वे शुदा मकानों पर सुबह सवेरे जब सरकार के बुलडोजर गये तो लोग अचानक इस हमले से सकते में आ गये और अपना लाखों का नुकसान होते देख भडक गये लोगों ने विरोध किया तो गृह मंत्री के इलाके की पुलिस थी खामोश कहां रहने वाली थी जाब्ता बुय्लाया लाठियां,आंसू गेस और रबर की गोलियों से लोगों को डोडा डोडा कर मरा खून से लथपथ लहू लुहाना लोग भागते रहे पिटते रहे लेकिन पुलिस को रहम नहीं आया हद तो यह रही के कोंग्रेस सत्ता पक्ष के पार्षद पवन मीना और महिला पार्षद राखी गोतम के पति विद्या शंकर गोतम भी पुलिस पिटाई में गम्भीर घायल हे उन्हें भी पुलिस ने पार्षद होना जानकर भी खूब पीटा ।
पुलिस का कहर यहीं खत्म नहीं हुआ पुलिस ने घायों को इलाज कराने के स्थान पर गिरफ्तार कर लिया कुल मिला कर कोटा में अतिक्रमण करवाने और फिर कुछ सालों बाद उसे तोड़ने के नामा पर राजनीती का यह नंगा खेल चल रहा हे यहाँ जो अधिकारी जी हें अगर उन्हें देखें तो इस अतिक्रमण की लापरवाहियों के लियें अब तक किसी भी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई हे और कोटा में इन दिनों हालात सन्न हे पुलिस भू माफियाओं को पकडती नहीं अतिक्रमण कारियों को रोकती नहीं और जब लाखों की लागत के मकान बनते हे तो उन्हें बनने के पहले रोकती नहीं कोटा में अब तक दस करोड़ रूपये से भी अधिक राशि का मकानों को त्योड़ने से नुकसान हो सका हे यह राष्ट्र का ही नुकसान हे कई लोग तो इस नुकसान से आत्महत्या के कगार पर बेठे हें ।
कोटा में प्रशासन की इस बदसुलूकी और मनमानी को देख कर भाजपा मैदान में उतर आई हे और भाजपा के विधायक ओम कृष्ण बिरला ,भवानी सिंह राजावत भाजपा अध्यक्ष श्याम शर्मा ने मोर्चा खोल दिया हे इस मामले में ओम बिरला ने सरकार के इस रवय्ये के खिलाफ सडकों पर निपटने की धमकी दी हे सवाल सही हे के सरकार सालों क्यूँ सोती रहती हे क्यूँ सरकार लाखों की लागत के आलिशान मकान बने देती हे और जब बन जाते हें ओत फिर कई सालों बाद उन मकानों को रात के अंधेरों में तोडना कोई इंसाफ की बात नहीं हे मकान तोड़ों मत राजसात करों उन मकानों में सरकारी दफ्तर खोलो ,उन मकान को बनते हुए देख कर चुप्पी साधने वाले अधिअकरी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजो , जिन लोगों ने यह मकान या प्लाट धोखे से बेचे हें उन लोगों को गिरफ्तार करो लेकिन सरकार की बेवकूफी भरी कार्यवाही जनता ओर राष्ट्र को दोनों को नुकसान पहुंचा रही हे और इसका दंड तो सरकार को भुगतना ही होगा ..... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 फ़रवरी 2011
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सही कहा आपने। पहले सरकार चेतती नहीं, समस्या जब नासूर बन जाती है, तब उसकी याद आती है।
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समाधि द्वारा सिद्ध ज्ञान।
प्रकृति की सूक्ष्म हलचलों के विशेषज्ञ पशु-पक्षी।