भारत के प्रधानमन्त्री के मंत्रिमंडल में एक मंत्री भी ऐसा नहीं हे जिस पर देश या देश का कोई भी व्यक्ति जाती समाज गर्व कर सके हाँ हर मंत्री ने किसी ना किसी रूप में देश का सर शर्म से नीचा जरुर किया हे देश को अपमानित और बे इज्जत किया हे और देश को भ्रस्ताचार,बेकारी,गरीबी,महंगाई की आग में झोंक दिया हे और नतीजे सामने हें , इन सब के बावजूद भी मनमोहन सोनिया के रत्न हे तो मनमोहन के यह सभी मंत्री रत्न बने हुए हें ।
दोस्तों अब तो देश का सर विदेश मंत्री एस एम कृष्णा जी ने शर्म से नीचा कर दिया जिस कृष्ण जी को संयुक्त राष्ट्र संघ में पूरी तय्यारी के साथ करोड़ों रूपये खर्च करके इसलियें भेजा गया था के वोह भारत की संयुक्त राष्ट्र की दावेदारी को दमदारी से रखेंगे लेकिन रिमोट से चलने वाले मंत्री हमेशा दूसरों का लिखा भाषण पढने वाली पार्टी की संस्क्रती को जिंदा रखने वाले यह मंत्री जी ने भी कोंग्रेस में दूसरों के भाषण को पढने की परम्परा को जिंदा रखा और संयुक्त राष्ट्र संघ में एक स्क्रिप्ट लेकर भाषण देने खड़े हो गये लगभग तीन मिनट तक विदेश मंत्री कृष्णा जी पुर्तगाल का लिखा भाषण पढ़ते रहे और उन्हें बार बार पुर्तगाल का नाम आने पर भी यह अहसास नहीं हुआ के वोह भारत का नहीं पुर्तगाल का भाषण पढ़ रहे हें लेकिन नकल में अक्ल की जरूरत होती हे क्रष्ण जी मनमोहन जी के मंत्रिमंडल में थे इसलियें उनके तो अक़ल हो ही नहीं सकती इसलिए नकल में भी अक़ल नहीं लगने से उन्होंने दुसरे देश का मान बढ़ाया तो अपने देश का अपमान कर दिया ,
राजथान में अमीन खान एक मंत्री जी को उनकी गलती के लियें हटाया हे लेकिन क्या अन्तराष्ट्रीय स्तर पर देश का मान सम्मान अपमानित करने वाले इन मंत्री कृष्णा जी को क्या मनमोहन सरकार हटाएगी क्या उनकी इस भयंकर गलती की सजा उन्हें मिलेगी या फिर दूसरा करे तो गलती अपना करे तो माफ़ी वाले सिद्धांत के तहत इन की सी गलती को नजर अंदाज़ कर दिया जाएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 फ़रवरी 2011
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कोई बात नहीं ...
जवाब देंहटाएंएक उमर के बाद इससे ज़्यादा की उम्मीद रखनी भी नहीं चाहिये..
इस सरकार मे अकल तो हे देश को चुना लगाने की बाकी सब घास चरने गये हे, अगला चुनाव चिन्ह इन्हे गधा रखना चाहिये, क्योकि गधा चिन्ह देख कर बहुत से गधे जरुर इन्हे वोट दे देगे, यह खबर कल मैने पढी थी, तो मुस्कुराये बिना ना रह पाया
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने सारे ऐसे ही है पर अपनी जनता ही तो उसे चुनती है
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