कोटा में पिछले दिनों एक मरीज़ बच्चे को घर में देख कर इंजक्शन लगा देने के बाद उसकी म्रत्यु हो जाने पर म्रतक बच्चे के परिजनों ने चिकित्सक सी बी दास गुप्ता को घर से बाहर निकाल कर दोडा दोडा कर मारा था पुलिस ने पहले चिकित्सक को हिरासत में लिया फिर दबाव में उसे छोड़ दिया ।
कोटा में मेडिकल नेग्लीजेंसी और मेडिकल रोबरी के यह नये किस्से नहीं हें यहाँ मेडिकल सेवा के नाम पर लूट केंद्र स्थापति हें चिकित्सकों द्वारा महंगी जांचें ,महंगी दवाइयां और अनावश्यक दवाइयां ,कमिशन की दवाइया देना आम बात हे इन दवाओं में कई दवाई प्रतिबंधित हे और कई चिकित्सक गेर कानूनी तरीके से खुद के घर में दवाएं रखते हें जिनका उन्हें अधिकार नहीं हे , कल चिकित्सकों ने एक प्रेस वार्ता के दोरान चेतावनी दी की चिकित्सक गम्भीर मरीजों को देखना बंद कर देंगे लेकिन किसी भी अख़बार ने उनसे सवाल नहीं किया के चिकित्सा परिचालन नियम के प्रावधानों में चिकित्सकों की शपथ किया होती हे चिकित्सकों के नियम किया बने हें वोह घर में मरीज़ देखेंगे तो किस तरह का रिकोर्ड घर पर संधारित करेंगे वोह हर मामले का रिकोर्ड रखेंगे और इतना ही नहीं मरीज़ को देखने पर उसे फ़ीस की रसीद देंगे अपने कार्यस्थल पर खुद का रजिस्ट्रेशन और शुल्क का खुला ब्योरा रखेंगे लेकिन कोटा के एक भी चिक्तिसक ने इस आवश्यक नियम की पलना नहीं की हे और उलटे चोरी और सीना जोरी कर रहे हें मुकदमे बाज़ी एक सतत प्रक्रिया हे किसी भी मरीज़ की चिकित्सकीय लापरवाही से म़ोत के लियें चिकित्सक की ही गवाही की जरूरत होती हे और कोई भी चिकित्सक किसी भी चिकित्सक के खिलाफ गवाह नहीं देता हे इसीलियें चिकित्सकों को सज़ा नहीं मिलती हे लेकिन चिकित्सा परिचालन नियम २००२ की पालना तो इन चिकित्सको को करना चाहिए और ऐसा नही करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्यवाही कोई भी सरकार नहीं करती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)