दोस्तों कुछ लोग कुछ सन्गठन ऐसे होते हें जो अपना सब कुछ खोकर भी दूसरों को सुख देकर खुश होते हें और यह शोक घर फूंक कर तमाशा देखने का होता हे आज के युग में जिसे यह शोक हें उन्हें सिरफिरा सिर्फ सिरफिरा कहा जा सकता हे लेकिन कुछ सिरफिरे नोजवान कोटा में ऐसे हें जो अल्फ्लाह सोसाइटी के नाम से देश की दिन हीं लोगों की बीमार पीड़ितों की सेवा करने में लगे हें और आज वोह लोगों के दिल और दिमाग में छा गये हें सिर्फ काम और काम बदले में कुछ नहीं इसी का नाम समर्पण सेवा और अल्फ्लाह सोसायटी हे ।
दोस्तों यह सोसाइटी १९९८ में बनी और इसका पंजीयन क्रमांक २/१९९८...१९९९ हे अभी इस सोसाइटी के अध्यक्ष रफीक बेलियम कृष्ट उपाध्यक्ष असलम अंसारी और सेक्रेटरी जनाब इस्लाम खान हे यह संस्था केवल और केवल खिदमत करती हे और खिदमत किसी ज़ात किसी धर्म किसी वर्ग की नहीं खिदमत ऐ खल्क यानी पूरी दुनिया की हर वर्ग हर समाज की खिदमत करते हें ।
अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी इन दिनों चिकित्सा सेवा में जुटी हे अभी हाला ही में इस सोसाइटी के माध्यम से दन्त चिकित्सा केम्प लगाया गया फिर हड्डी चिकित्सा केम्प लगाया गया अभी ईद मिलादुन्नबी के दिन ब्लड डोनेट केम्प लगाया और कल कोटा सूरजपोल स्कुल में आँखों की जाँच का केम्प लगाया जा रहा हे , अनपढ़ को साक्षर करने का इस संस्था का अपना अभियान हे इसीलियें इस संस्था को समर्पण सेवा भाव से कम करने के लियें जिला प्रशासन और राजस्थान सरकार ने सम्मानित किया हे दोस्तों इस संस्था में कुछ ऐसे लोग हे जो सिर्फ लोगों की सेवा ही करके खुश होते हें और इस सेवा कार्य में कोई चंदा कोई सहयोग नहीं बलके साथियों अपने सदस्यों से ही मिलजुल कर इन खर्चों को वहन करते हें वर्ष १९९२से आज तक का इस संस्था का सफर ऐसा रहा हे के आज कोटा की जनता की जुबान पर इस संस्था का नाम हे वजह साफ़ हे कोटा में कोई भी छोटा या बढा कार्यक्रम हो यह संस्था उसमें अपनी उपस्थिति दर्शा कर सेवा और समर्पण भाव से मदद करती हे बस इसीलियें यह एक छोटा पोधा आज बहुत बढा पढ़ बनता जा रहा हे और इस पढ़ के छाँव तले कई लोग आज भी बेठ कर आनन्द ले रहे हें तो दोस्तों ऐसी संस्था को एक बार फिर सलाम खुदा करे यह संस्था दिन दुनी रात चोगुनी तरक्की करे आमीन । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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