देश में गम्भीर किस्म के आरोपियों के खिलाफ जांच का कोई बी नतीजा निकले बगेर उन्हें केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा महत्वपूर्ण पदों पर बिठा देने से देश के शीर्ष कोर्ट के जज साहब नाराज़ हें और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख के दागी होने के बाद भी उन्हें केंद्र में पंचायत मंत्री बनाये जाने पर उन्हें सार्वजनिक तोर पर इस परम्परा का अविरोध करना पढ़ा हे ।
देश की शीर्ष कोर्ट के जज ऐ के गांगुली ,जी एस सिंघवी ने कल एक निजी समारोह में भ्र्स्ताचारियों को ऊँचे ओहदे पर बिठाने की परम्परा को आड़े हाथों लेते हुए सरकार की खुले आम खिंचाई की उन्होंने साफ़ शब्दों में विलास राव देशमुख का उदाहरण देकर ऊँगली उठाई जजों की इस साफ़ गोई से कोंग्रेस और दुसरे जो आरोपी दागी लोग हे वोह तिलमिला गये हें और शीघ्र ही जजों की हदबंदी कानून की तय्यारी तेज़ कर दी हे इस मामले में प्रधानमन्त्री जी तो खुद कहते रहे हें के जजों को अपनी हद में रहना चाहिए लेकिन अब सभी सांसद इस मामले में एक मत लग रहे हे वेसे कल जज लोगों ने जो भी कहा सच कहा इसका जनता को समर्थन करना चाहिए वरना संसद,मंत्रालय और प्रसाद पर्यन्त पदों पर भ्रष्ट लोगों की जो बाढ़ आ गयी हे उसे रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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