मेरे दिल में
तू यूँ आकर
बस गया
के बस
तुझे यूँ ही
दिल में
बसाए रखने को
जी चाहता हे
देख ले
दिल जब भी डोलता हे
दिल जब भी
टूटने के लियें
बोलता हे
बस
तू बसा हे उसमें
उही सोचकर
हर बार
उसे बचा लेता हूँ में
देखले
सिर्फ
तू बसा हे
इस दिल में
इसीलियें
दिल को
सम्भाला हे सिर्फ तेरे लियें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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