आपका-अख्तर खान

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01 फ़रवरी 2011

जिन पत्थरों को हटाया वही मेरे घर उछले हें .....


कल
रास्ते में
रोड़ा बने
जिन पत्थरों को
लोगों को
ठोकरों से
बहाने के लियें
मेने
एक तरफ किया था
आज
उन्हीं पत्थरों को
राह चलते
लोगों ने
मेरे घर पर
उछाला हे ........................ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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