कोटा में दो सप्ताह पूर्व एक आर ऐ एस को कलेक्टर बना कर भेजा गया हे लेकिन यह आर ऐ एस कलेक्टर साहब हें के खुद को मिडिया और जनता से बचाने में लगे हुए हें यह ना तो जनता से मिल रहे हें न ही समस्याओं से रूबरू हो पा रहे हें और फिर मीडिया से तो यह बहुत दूर हे ।
कोटा कलेक्टर के लियें यह पद वेसे तो बिल्ली के भाग से छींका टूटने के समान हे लेकिन इस पद की गरिमा वोह अब तक बना नहीं पाए हें पहले के कलेक्टर की तरह एक तो यह वक्त के पाबन्द नहीं हे दुसरे खुद के देरी से आने के कारण अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी भी लेट लतीफ हो रहे हे कोटा कलेक्टर जी एल गुप्ता जो आर ऐ एस हें चाहे कलेक्टर के पद पर नियुक्त हो गये हों लेकिन वोह खुद को आर ऐ एस अधिकारी की मानसिकता से बाहर नहीं निकल पा रहे हें समस्याओं को फ़ुटबाल बनाना और लोगों से मिलने से बचना मिडिया से दूर रहना उनकी आदत बनी हुई हे अभी कल एक गेस एजेंसी में तोड़फोड़ के बाद जब जनता से जुड़े प्रतिनिधि जो कोंग्रेस सरकार के कार्यकर्ता थे जिन्होंने हाडोती विकास मोर्चा का गठन किया हे वोह कलेक्टर से मिलना चाहते थे लेकिन कलेक्टर थे के वोह उनसे मिलने से इनकार करते रहे नतीजन लोग भडक गये और फिर जनता ने कलेक्ट्रेट को ही जाम कर दिया इस चक्का जाम की खबर मिलने पर वोह इस शिष्ट मंडल से मिले वेसे भी मीडिया की कलेक्ट्रेट में अब नो एंट्री हे किसी भी बैठक की खबर मिडिया के लियें निकल पाना या इलेक्ट्रोनिक मिडिया के लीयें तय्यार कर पाना एक सपना बन गया हे क्योंकि इन जनाब का मानना हे के अगर मीडिया को दूर रखेंगे तो समस्याएं और गड़बड़ियाँ जनता तक नहीं पहुंचेंगी यह जनाब उस कछुवे की तरह से हें जो गर्दन छुपा कर खुद को सुरक्षित समझता हे या फिर क्या हें यह तो आप ही बताइए इसलियें कोटा कलेक्टर और इन आर ऐ एस को कलेक्टर बनाने वाली सरकार जिंदाबाद ....... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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