आपका-अख्तर खान

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29 जनवरी 2011

भारत कहीं मिश्र ना हो जाए ..........

दोस्तों मिश्र की जनता इन दिनों वहां व्याप्त भ्रस्ताचार से दुखी होकर सडकों पर संघर्ष कर रही हे चारों तरफ सेना,सेना के लडाकू टेंक हें लेकिन लाखों की तादाद में घर बेठने वाले लोग अपने देश और देश की सभ्यता को बचाने के लियें आज सडकों पर हें उन्हें न लाठी का डर हे ना गोली का वोह अपनी जाना गवा कर भी देश को बचना चाहते हें , यह वही मिस्र हे जिसका इतिहास में सबसे पुरानी सभ्यता होने का ढिंढोरा पिता जाता हे यहाँ और इसके आसपास के चारों राष्ट्र भ्रस्ताचार के दल दल में फंड गये हें सियासत भ्रस्ताचार की कुर्सी से बाहर नहीं निकल पा रही हे और इसिलियेब आज मिस्र को बचाने के लियें वहां की राष्ट्र भक्त जनता का खून खोल गया हे ।
कल जब टी वी पर यह खबर देखी तो मेरे एक मित्र ने इंटरनेट से भारत और मिस्र के भ्रस्ताचार के आंकड़े बाहर निकाले और उनकी तुलना की पता चला के हमारे देश भारत में भ्रस्ताचार का जो आलम हे उससे दस प्रतिशत भी मिस्र में भ्रस्ताचार नहीं हे फिर वहां की जनता इतनी उद्धेलित क्यूँ हे भारत की जनता खामोश केसे बेठी हे मेरे मित्र ने कहा के भारत की जनता स्वार्थी हे भारत की जनता में राष्ट्रीयता और जाग्रति नहीं हे यहाँ की जनता का खून खून नहीं पानी हो गया हे अब हालत यह हे के हमारे भारत देश में अगर भ्रस्ताचार हो तो नेता और नेता के चापलूस कार्यकर्ता इसे एक जरूरी घटना मानते हें लाखों ,करोड़ों के घोटाले तो आम बात हे लेकिन अरबों के घोटाले देश की सुरक्षा से सम्बन्धित घोटाले देश को चाहे खोखला कर रहे हों लेकिन देश के पक्ष विपक्ष के नेता केसे कुर्सी हथियाएँ उस सांठ गाँठ की दोड में लगे हें ।
मेरे इस महान भारत में भ्रष्टाचार को जनता कोई मूल समस्या नहीं मानती हे यहाँ जब जब भी देश भ्रस्ताचार पर चर्चा करता हे पार्टियाँ आपस में दुर्भि संधि कर जज्बात भडकाने वाले मुद्दे मन्दिर मस्जिद को आगे कर देते हें और जनता खामोश तमाशा देखती हे हमारे इस देश में चोर चोर मोसेरे भाई हें देश का खरबों रुपया विदेश में हे लेकिन देश हे के इन के नाम बताना नहीं चाहता जब जब भी सरकार पर संकट आता हे तो सरकार इस सूचि को बता कर ऐसे दूसरी पार्टियों के नेताओं को ब्लेक मेल करती हें और फिर जो नेता दो दिन पहले सरकार के खिलाफ बोलता हे वोह अचानक मोन धारण कर लेता हे , बस इसीलियें मेरे इस देश में कभी कोई भ्रस्ताचार के खिलाफ कोई क्रांति नहीं हो सकती । अब मिस्र की जनता में और मेरे इस देश की जनता जहां भ्रस्ताचार को यहाँ के नेताओं ने रोम रोम में भर दिया हे और भ्रष्टाचार के मामले में जनता का रुख देश की जनता की चुप्पी के रूप में सब के सामने हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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