राजस्थान के प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने वाले अचानक ९५ हजार बच्चे कम हो गये हें और मिड दे मिल , सर्व शिक्षा अभियान ,शिक्षा रोज़गार गारंटी के अधिकार कानून के बाद भी राजस्थान राज्य के बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने में अक्षम साबित हुआ हे।
राजस्थान में मदरसे से लेकर राजिव गाँधी पाठशाला और प्रारम्भिक शिक्षा स्कूलों में बच्चों को मिड डे मिल स्कूली बच्चों को ड्रेस , किताबें बस्ते देकर पढने बुलाने का लालच देने के बाद भी यहाँ बच्चों की संख्या में ९५ हजार के नामांकन की कमी आई हे जबकि इसी आयु वर्ग के बच्चे अब अपराध की तरफ बढ़ रहे हे और बाल अपराधियों कीसंख्या में बढ़ोत्तरी हुई हे , राजस्थान में दो वर्षों से मदरसा बोर्ड का गठन नहीं हुआ , अल्प संख्यक छात्रों को छात्रव्रत्ति नहीं मिली, बाल अधिकार आयोग का गठन नहीं हुआ , शिक्षा जाग्रति में कोई कार्यवाही नहीं हुई गाँव के कई स्कुल बंद कर दिए गये वर्ष भर शिक्षकों के ट्रांसफर का काम चला मिड डे मिल में भ्रस्ताचार रहा अब ऐसे में प्राथमिक शिक्षा का काम प्राथमिकता के आधार पर केसे हो सकता हे ऐसे में नामांकन और बच्चों की स्कूलों में प्रवेश की संख्या तो घटेगी ही सही लेकिन स्कूलों में बच्चों की निरंतर घट रही संख्या देश , राज्य समाज के लियें खतरनाक संकेत हें क्योंकि य इन बच्चों में से कई बच्चे अपराध की तरफ अपना रुख कर रहे हें । आखर खान अकेला कोटा राजस्थान
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