उदास ना हो
नील नाकाम ही तो हुआ हे
ना उम्मीद तो नहीं
यह गम की शाम
लम्बी तो हे
लेकिन
शाम ही तो हे
कल फिर सुबह होगी
रौशनी होगी
गम को इसी डर की
हेरानी तो हे
इसलियें ना उम्मीद रख उदास ना हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 जनवरी 2011
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umeed par dunia kaayam hai
जवाब देंहटाएंतारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
नर हो ना उदास करो मन को...
जवाब देंहटाएंउम्मीद पै दुनिया कायम है.....
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