राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल राजथान के सभी मंत्रियों को एक पत्र लिख कर दिल्ली में तय्यार सोनिया फार्मूला के तहत एक पत्र के साथ दिल्ली एजेंडे की कोपी भेज कर कहा हे के मंत्री आब अपना विवेकाधिकार कोटा खत्म करें और जनसुनवाई में लग जाएँ ।
राजस्थान में आज मंत्री मंडल की बैठक भी हे अधिकारीयों की जवाब देहि तय करने के लियें उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर राजस्थान में भी जवाबदेही कानून और नियम बनाने की तय्यारी की जा रही हे इसमें अधिअक्रियों को निर्धारित समयावधि में काम नहीं करने पर दंडित करने का प्रावधान होगा फिलहाल तो मंत्री अपने विवेकाधिकार कोटे को खत्म करने के निर्देशों से काफी नाराज़ लग रहे हें इसके लियें उन्हें रोक पाना सम्भव भी नहीं लग रहा हे अगर राजस्थान के मुख्यमंत्री खुद यह चाहते हें के यह फार्मूला सख्ती से लागू हो तो हर मंत्री की गतिविधि की जानकारी देने के लियें सरकार को जनता में से कुच्छ लोगों को जोडकर एक समिति का भी गठन करना चाहिए ताकि निरंकुश मंत्री अंकुश में रह सकें और मनमानी कर सकें लेकिन वर्तमान में गहलोत एक कमजोर मुख्यमत्री होने के कारण केवल एक परिकल्पना ही कर सकते हें सख्त कार्यवाही का ख्वाब भी देखना उनके लियें मुश्किल हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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